Aung San Suu Kyi: आंग सान सू की को क्षमादान, रुख में आई नरमी या मिलिट्री सरकार हुई रहमदिल
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Aung San Suu Kyi: आंग सान सू की को क्षमादान, रुख में आई नरमी या मिलिट्री सरकार हुई रहमदिल

Aung San Suu Kyi News Today: लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए अपने अहिंसक संघर्ष के लिए जानी जाने वाली सू की ने हिरासत में लिए जाने के बाद से अपने रुख में बदलाव किया है, जिसके बारे में कुछ लोगों का तर्क है कि यह क्षमादान का कारण हो सकता है.

Aung San Suu Kyi: आंग सान सू की को क्षमादान, रुख में आई नरमी या मिलिट्री सरकार हुई रहमदिल

Aung San Suu Kyi Pardon News: ऑन्ग सान सू की म्यांमार की मिलिट्री सरकार की आंखों में चुभती रहती है. हालांकि अब खबर आ रही है कि मिलिट्री सरकार ने उन्हें क्षमादान देने का फैसला किया है. फिलहाल वो जेल में बंद थीं लेकिन अब उन्हें नजरबंद किया गया है. मिलिट्री सरकार यानी जुंटा के दिल में किसी तरह का बदलाव हुआ है या वैश्विक दबाव का असर पड़ा है इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है. जुंटा ने उन्हें पांच आपराधिक मामलों में क्षमादान देने का फैसला किया है. दो साल पहले दिनदहाड़े तख्तापलट के बाद सू की को गिरफ्तार किया गया था. सू की को पांच मामलों में क्षमादान मिल चुका है लेकिन उनके खिलाफ 14 और मामले चल रहे हैं. लिहाजा इस क्षमादान का फायदा सिर्फ इतना है कि पांच मामले कम हुए हैं. हालांकि शेष मामलों में केस चलता रहेगा.

क्षमादान के पीछे की वजह

इस क्षमादान के पीछे वजह क्या है. दरअसल 3 अगस्त को म्यांमार की राजधानी में बड़ा धार्मिक महोत्सव होने वाला है.जुंटा ने भक्ति भाव को दिखाते हुए भगवान बुद्ध की बड़ी प्रतिमा भी बनवाई है जिसे 3 अगस्त को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. बता दें कि सू की के अलावा सात हजार से अधिक कैदियों को क्षमादान दिया गया है.

अभी भी 14 केस 

78 साल की सू की को राजधानी न्यापिता की जेल में बंद किया गया था. उन्हें अलग अलग मामलों में कुल 33 साल की सजा सुनाई गई है. जानकार कहते हैं कि ज्यादातर केस इस तरह के रहे है ताकि वो पब्लिक के सामने ना आ सके. 2020 के आम चुनाव में उनके दल को अगले पांच साल के लिए सरकार में बने रहने का जनादेश हासिल हुआ था. सू की के जेल से बाहर आने की खबरें उस समय से आनी शुरू हुईं जब थाइलैंड के विदेश मंत्री डॉन प्रमुद्विवानी ने जेल में मुलाकात की थी. वो ऐसे पहले शख्स हैं जिन्हें सू से मिलने की इजाजत मिली थी. बता दें कि 2020 में जब तख्तापलट हुआ तबसे लेकर आजतक 3700 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 23 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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