हजारों की जान बचाने वाले इस बहादुर चूहे ने दुनिया को कहा अलविदा, ऐसे बना था हीरो
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हजारों की जान बचाने वाले इस बहादुर चूहे ने दुनिया को कहा अलविदा, ऐसे बना था हीरो

बहादुरी के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले एकमात्र चूहे ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. मगावा नामक इस चूहे ने कंबोडिया में कई लाइव बम और बारूदी सुंरगों का सूंघकर पता लगाया था. वो पारंपरिक समाधानों की तुलना में छब्बीस गुना तेजी से विस्फोटकों को सूंघ सकता था.

फोटो: डेली मेल

नामपेन्ह: हजारों लोगों की जान बचाने वाला चूहा दुनिया को अलविदा कह गया है. कंबोडिया (Cambodia) के इस बहादुर चूहे (Heroic Rat) ने कई बम और बारूदी सुंरगों का सूंघकर पता लगाया था. बेल्जियम की संस्था APOPO द्वारा प्रशिक्षित मगावा (Magawa) नामक इस चूहे ने अपने पांच सालों के करियर में कई साहसिक कारनामों को अंजाम दिया. मगावा को उसकी बहादुरी के लिए गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया था.

  1. कंबोडिया के लिए किए थे कई साहसिक कारनामे
  2. बहादुरी के लिए गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया था
  3. आठ साल हो गई थी मगावा नामक चूहे की उम्र

इसलिए बहादुर था Magawa

'डेली मेल' की खबर के अनुसार, आठ साल के मगावा ने 38 एकड़ से अधिक भूमि को साफ किया था. उसने 71 लैंड माइंस और 38 अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस आइटम का सूंघकर पता लगाया था, जिसकी वजह से हजारों लोगों की जान बच सकी थी. APOPO ने बताया कि इस विशालकाय अफ्रीकी चूहे ने पिछले हफ्ते आखिरी सांस ली. वो वैसे पूरी तरह ठीक था, लेकिन खान-पीना कम कर दिया था. संस्था ने कहा कि मगावा के रूप में उसने अपना एक बहादुर साथी खो दिया है, जिसने अपना पूरा जीवन लोगों की जान बचाने में लगा दिया. 

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मेटल डिटेक्टर से भी था तेज

मगावा केवल 30 मिनट में एक टेनिस कोर्ट के आकार के क्षेत्र में घूम कर बम का पता लगा सकता था. जबकि पारंपरिक मेटल डिटेक्टर का उपयोग करके ऐसा करने में चार दिन का वक्त लगता. पिछले साल सितंबर में, इस चूहे को बारूदी सुरंगों (Landmines) और बमों का पता लगाने के अपने अदभुत कार्य के लिए सम्मानित किया गया था. इसे हीरो रैट (Bomb Sniffing Hero Rat) कहा जाता था. मगावा का वजन कम होने की वजह से वो माइंस पर खड़े होकर धरती खुरचता और बम के बारे में अलर्ट कर देता था. उसके माइंस पर खड़े होने से बम फटते नहीं थे. मगावा पिछले साल जून में रिटायर हो गया था.

थोड़ा सुस्त हो गया था मगावा

पिछले साल की शुरुआत में, मगावा ने बहादुरी के लिए पीपुल्स डिस्पेंसरी फॉर सिक एनिमल्स (PDSA) पुरस्कार जीता था. PDSA ने 25 सितंबर को, अपने सोशल मीडिया हैंडल पर बताया था कि मगावा चार सालों में 141 मीटर भूमि पर 39 खदानों की खोज के लिए बहादुरी पुरस्कार पाने वाला पहला चूहा बन गया है. यह पुरस्कार जॉर्ज क्रॉस और विक्टोरिया क्रॉस वीरता पदक के बराबर है. मगावा की हैंडलर मालेन ने कहा कि एक शानदार करियर की समाप्ति के बाद वो थोड़ा सुस्त हो गया था और ज्यादातर समय अपना पसंदीदा भोजन करने में बिताता था. वो पारंपरिक समाधानों की तुलना में छब्बीस गुना तेजी से विस्फोटकों को सूंघ सकता था.

 

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