Mount Kailash: कैलाश पर्वत की छाया में छिपा समय-परिवर्तन का रहस्य, जहां 12 घंटे के बराबर है 2 हफ्ते का वक्त!
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Mount Kailash: कैलाश पर्वत की छाया में छिपा समय-परिवर्तन का रहस्य, जहां 12 घंटे के बराबर है 2 हफ्ते का वक्त!

Mount Kailash news: पवित्र कैलाश पर्वत की दिव्य शक्तियों के कुछ रहस्यमयी तथ्य जिसे जानकर आप अचंभित रह जाएंगे. इसकी 6,656 मीटर ऊंचाई तक पहुंचना बड़ी बात नहीं, फिर भी कहा जाता है कि कोई इसे फतह नहीं कर पाया है. इसके रहस्यमय आकार और पिरामिड जैसी संरचनाओं के रहस्य को अभी तक पूरी तरह से नहीं समझा जा सका है.

Mount Kailash: कैलाश पर्वत की छाया में छिपा समय-परिवर्तन का रहस्य, जहां 12 घंटे के बराबर है 2 हफ्ते का वक्त!

India, China Decide To Resume Kailash Mansarovar Yatra: भारत और चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से खोलने पर राजी हो गए हैं. इस फैसले से भगवान शिव के सुदूरवर्ती धाम की यात्रा की अभिलाषा रखने वालों की मुराद पूरी हुई है. कई सालों के प्रतिबंध के बाद साल 2025 में इस पवित्र क्षेत्र में भारतीय तीर्थयात्रियों को प्रवेश मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इसके साथ ही कैलाश मानसरोवर से जुड़ी चीजों को सर्च किया जा रहा है? जैसे कैलाश मानसरोवर यात्रा कैसे हो सकती है. इसमें भाग लेने के लिए क्या नियम कानून है. रजिस्ट्रेशन कब और कैसे होता है? कैलाश मानसरोवर यात्रा में कितना खर्च आता है. यात्रा में कौन-कौन सी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और वहां टाइम जोन कैसा है?

समय के रहस्य से लोग अनजान

माना जाता है कि कैलाश पर्वत ब्रह्मांड की आध्यात्मिक ऊर्जाओं को स्थिर करता है, जो स्वर्ग और पृथ्वी को एक ब्रह्मांडीय संतुलन में जोड़ता है. कैलाश मानसरोवर का शिखर लोगों को अचंभित कर देता है. इसकी 6,656 मीटर ऊंचाई तक पहुंचना बड़ी बात नहीं, फिर भी कहा जाता है कि कोई इसके ऊपर नहीं चढ़ पाया है.

कैलाश पर्वत, तिब्बत के सुदूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. यह मानसरोवर और राक्षसताल झीलों के पास है. कैलाश पर्वत पर चढ़ना पर्वतराहियों के लिए लगभग असंभव सा इसलिए है क्योंकि इसकी भौगोलिक संरचना, जलवायु और अत्यधिक ऊंचाई की वजह से, यह पर्वतारोहियों के लिए टिकना आसान नहीं होता. 

कैलाश पर्वत ब्रह्मांड और धरती के बीच का केंद्र माना जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक. कैलाश पर्वत पर मैग्नेटिक फील्ड ज्यादा सक्रिय है, यही कारण है कि इसका वातावरण अन्य किसी स्थान के वातावरण से अलग प्रतीत होता है और यही इसकी चढ़ाई को और भी मुश्किल बना देता है.

12 घंटे बराबर 2 हफ्ते!

समय के चक्र यानी टाइम जोन की बात करें तो कैलाश पर्वत के पास, समय की चाल बदल जाती है, यहां आने वाले वो लोग जिन्होंने इस पर चढ़ने की कोशिश की वो यहां पर तेजी से समय और उम्र बढ़ने की बात कहते आए हैं. यहां महज 12 घंटे में बाल और नाखून इतने बढ़ जाते हैं कि जितने यहां से दूर रहने पर दो हफ्ते में बढ़ते होंगे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन्होंने भी कैलाश पर्वत की चढ़ाई करने की कोशिश कि उन्होंने अपने नाखूनों और बालों के अचानक अस्पष्टीकृत विकास का अनुभव किया है. कैलाश पर्वत पर 12 घंटे की अवधि में नाखूनों और बालों की वृद्धि दर दुनिया के अन्य हिस्सों में 2-3 सप्ताह के दौरान विकास दर के बराबर है.

दिव्य निवास की बात करें तो हिंदू लोककथाओं में, कैलाश पर्वत भगवान शिव का घर है. जो दिव्य शांति में निरंतर ध्यान करते हैं और ब्रह्मांडीय चेतना को मूर्त रूप देते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव पत्नी पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर ही निवास करते हैं. जैन धर्म में मान्यता है कि भगवान ऋषभ देव को यहीं निर्वाण मिला था. वहीं बौद्ध धर्म में इसे ब्रह्मांड का केंद्र बिंदु बताया गया है.

रहस्यमय झील और राक्षस ताल

यहां एक राक्षस ताल है. खारे पानी की ये झील मानसरोवर के विपरीत है. इसे शापित माना जाता है, जो अंधकार और नकारात्मक शक्तियों का प्रतीक है, जिसमें कोई जलीय जीवन नहीं है और भयानक शांति है. यहां ताजे पानी का मानसरोवर (चेतना की झील) भी है. जो राक्षस ताल के बगल में स्थित है. जो सकारात्मकता और विनाश की दोहरी शक्तियों को दर्शाता है. इसकी लगभग पूर्ण संरचना मानवों की उत्पत्ति के सिद्धांतों को बताती है, जो इसकी प्राकृतिक भव्यता में एक रहस्य जोड़ती है.

 

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