अचानक कहां से आए माउंट एवरेस्‍ट से 100 गुना ऊंचे ये पर्वत, वैज्ञानिक भी हुए हैरान
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अचानक कहां से आए माउंट एवरेस्‍ट से 100 गुना ऊंचे ये पर्वत, वैज्ञानिक भी हुए हैरान

Highest Mountain in the World: सालों से पढ़ते आ रहे हैं कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्‍ट है लेकिन वैज्ञानिकों को ऐसे पर्वत मिले हैं, जो माउंट एवरेस्‍ट से 100 गुना ऊंचे हैं.

अचानक कहां से आए माउंट एवरेस्‍ट से 100 गुना ऊंचे ये पर्वत, वैज्ञानिक भी हुए हैरान

Highest Mountain in the World: माउंट एवरेस्‍ट फतह करना बहुत बड़ी उपलब्धि है. यह इतनी ऊंचाई पर है कि वहां वायुमंडल की ऑक्‍सीजन भी साथ छोड़ती नजर आती है. साथ ही यह चढ़ाई कितनी कठिन है कि माउंट एवरेस्‍ट जाने के रास्‍ते पर पड़े पर्वतारोहियों शव इसकी गवाही देते हैं. लेकिन हाल ही में नेचर जर्नल में प्रकाशित लेख में रिसर्चर्स ने पुष्टि की है कि धरती पर माउंट एवरेस्ट से भी 100 गुना ऊंची चोटी मौजूद है. माउंट एवरेस्‍ट से ऊंचा ये पहाड़ अफ्रीका और प्रशांत महासागर की सीमा पर है और पृथ्वी पर पाए गए पहाड़ों में अब तक का सबसे ऊंचा पहाड़ है.

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धरती की सतह से नीचे की गहराई में हैं ये पहाड़

माउंट एवरेस्‍ट से ऊंची ये चोटियां पृथ्‍वी की सतह से नीचे की ओर गहराई में मौजूद हैं. ये बेहद पुरानी हैं. पृथ्‍वी की सतह से बाहर की बजाय अंदर की ओर धंसे इन पहाड़ों की ऊंचाई 1 हजार किलोमीटर से कहीं ज्‍यादा है, जो कि माउंट एवरेस्‍ट की 8.8 किलोमीटर से कई गुना है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ये पहाड़ आधा अरब साल से ज्‍यादा पुराने भी हो सकते हैं.

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नहीं जानते ये कैसे बने?

न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक इस खोज को लेकर प्रमुख शोधकर्ता और मशहूर भूंकप विज्ञानी डॉ. अरवेन ड्यूज कहते हैं कि ये कोई नहीं जानता कि वहां इन पहाड़ों की मौजूदगी क्या है? ये दो 2 विशाल संरचनाएं पृथ्वी के कोर और मेंटल के बीच की सीमा पर हैं. यह इलाका अफ्रीका और प्रशांत महासागर के नीचे क्रस्ट के नीचे अर्ध-ठोस एरिया का है. चूंकि भूकंप या पृथ्‍वी के अंदर होने वाली घटनाओं के चलते टेक्‍टोनिक प्‍लेटें अपनी जगह बदलती रहती हैं और वे पृथ्वी की सतह से लगभग 3 हजार किलोमीटर की गहराई तक जा सकती हैं. ऐसे में 1000 किलोमीटर की गहराई वाली इन संरचनाओं का मिलना संभव है.

वैज्ञानिकों दशकों से पृथ्वी के अंदर भूकंपीय तरंगों के कारण पृथ्वी के आवरण में छिपी बहुत बड़ी-बड़ी संरचनाओं को खोजने में जुटे हुए हैं. इसके लिए वे ग्रह के दूसरी ओर से आने वाली ध्‍वनि को जरिया बनाते हैं. इससे उन्‍हें यह जानने में मदद मिलती है कि पृथ्‍वी के नीचे क्‍या मौजूद है.

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