NASA ने शेयर की Wolf Moon की तस्वीर, जानें क्यों है यह खास?
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NASA ने शेयर की Wolf Moon की तस्वीर, जानें क्यों है यह खास?

NASA shares picture of Wolf Moon: नासा (NASA) ने अपने इस्टाग्राम पर चांद की एक तस्वीर शेयर की है और इसे वुल्फ मून (Wolf Moon) बताया है. इसके साथ ही नासा ने यह भी बताया है कि इसे आखिर वुल्फ मून क्यों कहा जा रहा है?

नासा ने इस्टाग्राम पर वुल्फ मून की तस्वीर शेयर की.

वॉशिंगटन: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने अपने इस्टाग्राम पर चांद की एक तस्वीर शेयर की है और इसे वुल्फ मून (Wolf Moon) बताया है. नासा ने फोटो शेयर करते हुए कहा कि यह 2020 का 13वां और अंतिम पूर्ण चंद्रमा (Full Moon) है. इसके साथ ही नासा ने यह भी बताया कि इसे आखिर वुल्फ मून क्यों कहा जा रहा है?

  1. विभिन्न संस्कृतियों में हर पूर्ण चांद के लिए विशिष्ट नाम हैं
  2. यह 2020 का 13वां और अंतिम पूर्ण चंद्रमा है
  3. वुल्फ मून का नाम अमेरिकी जनजातियों ने दिया है

तीन दिनों तक दिखेगा फुल मून

नासा (NASA) ने अपने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, 'Aaah-ooooooh! यह साल का आखिरी वुल्फ मून (Wolf Moon) है. आज रात से पृथ्वी से आकाश में पूर्ण चांद दिखाई देगा. यह साल 2020 का 13वां और अंतिम पूर्ण चांद होगा. यह लगभग तीन दिनों तक दिखाई देगा.'

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क्यों कहा जाता है वुल्फ मून?

पोस्ट में नासा ने यह भी बताया कि आखिर इसे वुल्फ मून क्यों कहा जाता है? नासा ने लिखा, 'विभिन्न संस्कृतियों में पूरे साल के हर पूर्ण चांद के लिए विशिष्ट नाम हैं और वे अक्सर उस समय से संबंधित हैं, जो प्रकृति में हो रहा होता है. वुल्फ मून का नाम उत्तरी और पूर्वी अमेरिकी जनजातियों ने दिया है, क्योंकि सर्दियों के दौरान खाना ढूंढ़ते भेड़िए चिल्लाते गांवों में घूमते रहते हैं.'

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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यह भी है वुल्फ मून का नाम

सा ने कहा, इसका एक और नाम आइस मून है. दिसंबर में आने वाले पूर्ण चांद को शीत चंद्रमा (Cold Moon) भी कहा जाता है.' बता दें कि इसे उत्तरी अमेरिका में 'लॉन्ग नाइट्स मून' भी कहा जाता है. यह क्रिसमस के बाद होता है, इसलिए यूरोप में 'मून आफ्टर यूल' कहा जाता है.

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