मालाबार युद्धाभ्यास का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है. 20 नवंबर तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास को लेकर चीन के पसीने छूटना तय है, क्योंकि इसमें भारत और अमेरिका के शक्तिशाली एयरक्रॉफ्ट कैरियर हिस्सा ले रहे हैं.
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नई दिल्ली: मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar Joint Exercise) का दूसरा चरण आज (मंगलवार) से अरब सागर में शुरू हो रहा है. 4 दिन के इस युद्धाभ्यास में क्वाड के चारों सदस्य भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं साझा अभ्यास करेंगी. युद्धाभ्यास का पहला चरण 3 से 6 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी में हुआ था.
रच रहे चक्रव्यूह
क्वाड देश चीन (China) की अतिक्रमणकारी और विस्तारवादी आदतों पर अंकुश लगाने के लिए चक्रव्यूह रच रहे हैं और युद्धाभ्यास उसी का हिस्सा है. वैसे तो अपनी ताकत पर घमंड करने वाले चीन को समंदर में उसकी हैसियत दिखाने के लिए बंगाल की खाड़ी में हुआ मालाबार युद्धाभ्यास का पहला चरण ही काफी था, लेकिन चीन के दिमाग में कोई फितूर न रहे, इसलिए चारों देश अब अरब सागर में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे.
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शक्तिशाली एयरक्रॉफ्ट कैरियर
बंगाल की खाड़ी में भारत, अमेरिका जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेना ने 3 से 6 नवंबर तक शक्तिशाली युद्धपोतों के साथ युद्धाभ्यास किया था. इस दौरान पनडुब्बी युद्ध और समुद्र से हवा में मार करने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया. लेकिन 17 से 20 नवंबर तक अरब सागर में हो रहे दूसरे चरण में दुनिया के सबसे शक्तिशाली एयरक्रॉफ्ट कैरियर हिस्सा लेने जा रहे हैं और यह खबर निश्चित रूप से चीन के पसीने छुड़ाने के लिए काफी है.
आईएनएस विक्रमादित्य होगा शामिल
मालूम हो कि पूर्वी लद्दाख में पिछले छह महीने से भारत और चीन के बीच तनाव जारी है. इस बीच समंदर में चीन को घेरने के लिए मालाबार युद्धाभ्यास के जरिए क्वाड देशों की नौसेनाएं आपसी तालमेल बढ़ा रही हैं. युद्धाभ्यास के दूसरे चरण में अमेरिका और भारत के एयरक्रॉफ्ट कैरियर आकर्षक का केंद्र होंगे. इसके अलावा, अमेरिका का सबसे घातक एयरक्रॉफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज, इंडियन नेवी का एयरक्रॉफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य भी इसमें हिस्सा लेगा. यूएसएस निमित्ज परमाणु ईंधन से संचालित होता है. वहीं, ऑस्ट्रेलियाई नौसेना का प्रतिनिधित्व फ्रिगेट बल्लार्ट और हेलीकॉप्टर करेंगे.
इसलिए खास है यूएसएस निमित्ज
यूएसएस निमित्ज दुनिया का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसके साथ विशाल नौसेनिक युद्धक बेड़ा मौजूद रहता है, जिसमें बड़ी संख्या में डेस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और अन्य पोत शामिल हैं. इस युद्धाभ्यास में निमित्ज के साथ क्रूजर प्रिंसटन और डेस्ट्रॉयर स्टरेट और पी8एम समुद्री टोही विमान भी रहेंगे. अमेरिका के सातवें बेड़े में शामिल दुनिया के सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें 80 से 90 फाइटर एयरक्राफ्ट मौजूद हैं. इसका साढ़े 4 एकड़ से ज्यादा बड़ा फ्लाइट डेक है. सीधे शब्दों में कहें तो कई देशों की एयरफोर्स से ज्यादा शक्तिशाली है और कई देशों को तबाह करने की क्षमता रखता है.
दादागीरी खत्म करने का प्रयास
क्वाड देशों के इस युद्धाभ्यास में चारों देशों के घातक युद्धपोत शामिल होंगे. यह युद्धाभ्यास लोकतांत्रिक देशों के बीच समन्वय बढ़ाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला, समावेशी और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दिखाने के लिए है. इसे सरल शब्दों में समझाया जाए तो हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागीरी खत्म करने के लिए ही ये युद्धाभ्यास किया जा रहा है. आईएनएस विक्रमादित्य के अलावा हवाई इकाई के हेलीकॉप्टर, डेस्ट्रॉयर आईएनएस कोलकाता आईएनएस चेन्नई, स्टील्थ फ्रिगेट तलवार और सहायक पोत दीपक भी इस युद्धाभ्यास में भारत की ओर से शामिल होंगे. मालाबार युद्धाभ्यास के दूसरे चरण में देश में ही निर्मित पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी और पी8आई समुद्री टोही विमान भी भारतीय नौसेना की ओर से अपनी क्षमता का परिचय देंगे.