नये संविधान को लेकर अशांत दक्षिणी नेपाल के मैदानी इलाके में एक प्रमुख राजमार्ग पर नाकेबंदी में भाग ले रहे चार मधेशी प्रदर्शनकारी पुलिस गोलीबारी में मारे गए हैं। वहीं, देश आवश्यक वस्तुओं की घोर कमी का सामना करना है। पूर्वी-पश्चिम राजमार्ग पर शनिवार देर रात
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काठमांडो: नये संविधान को लेकर अशांत दक्षिणी नेपाल के मैदानी इलाके में एक प्रमुख राजमार्ग पर नाकेबंदी में भाग ले रहे चार मधेसी प्रदर्शनकारी पुलिस गोलीबारी में मारे गए हैं। वहीं, देश आवश्यक वस्तुओं की घोर कमी का सामना करना है। पूर्वी-पश्चिम राजमार्ग पर शनिवार देर रात नाकेबंदी कर रहे दो प्रदर्शनकारियों की पुलिस गोलीबारी में मौत होने के बाद राजधानी से करीब 280 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में सपतारी जिले में रविवार को अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया।
पुलिस ने बताया कि पुलिस ने जब नाकेबंदी कर रहे यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट के कार्यकर्ताओं को हटाने की कोशिश की तब करीब 2,500 लोगों की भीड़ ने उन पर पेट्रोल बम और ईंटों से हमला कर दिया जिसके चलते उन्हें गोलीबारी करनी पड़ी। आंदोलनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़प के दौरान बीरेंद्र राम और नागेश्वर यादव नाम के दो मधेशी मारे गए। सुरक्षाकर्मी यात्रियों से भरे वाहनों के लिए राह बना रहे थे।
ताजा झड़पों में कम से कम 17 प्रदर्शनकारी और 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पांच प्रदर्शनकारियों और दो पुलिस कर्मियों की हालत गंभीर बताई जा रही है। सपतारी जिला पुलिस कार्यालय प्रमुख भीम ढकाल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया जिसके चलते झड़पें हुई।
काठमांडू पोस्ट ने ढकाल के हवाले से बताया, ‘प्रदर्शनकरियों ने देशी हथियारों से सुरक्षा कर्मियों पर हमला शुरू कर दिया जिसके बाद उन्हें खदेड़ने के लिए हमें बल प्रयोग करना पड़ा।’ इस हिंसक आंदोलन में अब तक 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हिमालयी देश के लिए सामान और ईंधन की आपूर्ति बाधित होने से भारत नेपाल संबंध भी प्रभावित हुए। नेपाल ने भारत पर प्रदर्शनकारियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया जिसे नई दिल्ली ने खारिज कर दिया है।