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नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मामलों में कमी से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. लेकिन इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से एक चिंता की खबर सामने आई है. हाल ही में की गई एक स्टडी में पता चला है कि कोरोना वायरस का डेल्टा (delta) और ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट मिलकर नया वायरस बन चुका है, इसका सबूत भी मिल चुका है. WHO का कहना है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने से ये आशंका पहले ही जताई जा रही थी.
वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा औप ओमिक्रॉन से बना नया वायरस कितना खतरनाक है. इसे लेकर कई स्टडी चल रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रांस में जनवरी 2022 में इस वायरस के फैलने की शुरुआत हो भी चुकी है. इससे पहले भी कई वैज्ञानिक कह चुके हैं कि कोरोना वायरस के अभी कई रूप सामने आएंगे.
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WHO का कहना है कि ओमिक्रॉन और डेल्टा का रिकॉम्बिनेंट वायरस फैल रहा है. WHO की साइंटिस्ट मारिया वान करखोव ने ट्वीट किया है कि SARSCov2 के ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के मिलकर फैलने की आशंका है. इनका सर्कुलेशन तेजी से हो सकता है. उन्होंने ये भी लिखा कि हम इसको ट्रैक कर रहे हैं और इस पर बातचीत भी हो रही है.
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मारिया ने वायरोलॉजिस्ट jeremy kamil का ट्वीट रीट्वीट किया है. इस ट्वीट के मुताबिक, डेल्टा-ओमिक्रॉन के मिले-जुले वायरस के पक्के सबूत मिले हैं. ये जनवरी 2022 से फ्रांस में फैल रहा है. साथ ही इसी प्रोफाइल के वायरस डेनमार्क और नीदरलैंड्स में भी मिल चुके हैं. हालांकि WHO ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभी इस वायरस के घातक होने के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं.
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