हर घर में पैदा हो रहा नसरल्लाह! इस देश में नवजात बच्चों का नाम रख रहे लोग, 4 दिन में 100 की संख्या पार
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हर घर में पैदा हो रहा नसरल्लाह! इस देश में नवजात बच्चों का नाम रख रहे लोग, 4 दिन में 100 की संख्या पार

Nasrallah Name: इराक के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से अरब के मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि लेबनानी हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद से लगभग 100 नवजातों का नाम नसरल्लाह रखा गया है. वहां लोग नसरल्लाह को शहीद मान रहे हैं.

हर घर में पैदा हो रहा नसरल्लाह! इस देश में नवजात बच्चों का नाम रख रहे लोग, 4 दिन में 100 की संख्या पार

Hassan Nasrallah Hezbollah: पूरी दुनिया की निगाहें मिडिल ईस्ट पर हैं. इजरायल और ईरान सीधे-सीधे आमने सामने आ चुके हैं. यह संघर्ष अगले स्तर पर तब पहुंचा जब लेबनान में 27 सितंबर को इजरायली हमले में हिज्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत हो गई. नसरल्लाह के मारे जाने के बाद इलाके में तनाव लगातार बढ़ रहा है. नसरल्लाह की मौत को अरब वर्ल्ड एक बड़ी शहादत के रूप में देख रहा है. इतना ही दुनियाभर के इस्लाम के फॉलोवर नसरल्लाह की मौत पर इजरायल को कोस रहे हैं. इन सबके बीच एक आश्चर्यचकित करने वाली खबर आई है कि नसरल्लाह की मौत के बाद इराक समेत कई देशों के माता-पिता अपने नवजात बच्चों का नाम नसरल्लाह रख रहे हैं. 

100 से अधिक नवजातों का नाम नसरल्लाह

असल में इराक के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से अरब के मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि लेबनानी हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद से लगभग 100 नवजातों का नाम नसरल्लाह रखा गया है. यह घटना इजरायल द्वारा नसरल्लाह की हत्या के बाद सामने आई है. मंत्रालय ने इराक के अलग-अलग क्षेत्रों में 100 से अधिक नवजातों का नाम नसरल्लाह पंजीकृत किया है. 

नसरल्लाह के सम्मान में उठाया

स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह कदम नसरल्लाह के सम्मान में उठाया गया है. वे लोग नसरल्लाह को शहीद मान रहे हैं. बता दें कि नसरल्लाह की मौत पिछले शुक्रवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगर में इजरायल के एक बड़े हवाई हमले में की हुई. नसरल्लाह का जन्म 1960 में हुआ था और वह 1982 में हिजबुल्लाह में शामिल हुआ था. नसरल्लाह ने 1992 में समूह हिजबुल्लाह  तीसरे महासचिव का पद संभाला था.

पश्चिमी प्रभाव के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक

इराक में नसरल्लाह को विशेष रूप से शिया समुदाय में इजरायल और पश्चिमी प्रभाव के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता था. अमेरिकी प्रभाव के विरोध में उनकी नीतियां इराकियों के बीच भी काफी लोकप्रिय थीं, खासकर उन लोगों में जो 2003 के बाद इराक में अमेरिकी उपस्थिति के खिलाफ थे.

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