मलाला यूसुफज बनीं सबसे कम उम्र की संयुक्त राष्ट्र की 'शांति दूत', लड़कियों की शिक्षा के लिए करेंगी काम
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मलाला यूसुफज बनीं सबसे कम उम्र की संयुक्त राष्ट्र की 'शांति दूत', लड़कियों की शिक्षा के लिए करेंगी काम

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंटोनिया गुटरेस ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई करे सबसे कम उम्र की ‘शांति की दूत’ बनाया जिसके बाद मलाला ने कहा कि पुरुषों को महिलाओं के पंख नहीं कतरने चाहिए बल्कि उन्हें उड़ान भरने देना चाहिए.

स्कूल जाने के कारण तालिबान ने वर्ष 2012 में मलाला को गोली का निशाना बनाया था. (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंटोनिया गुटरेस ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई करे सबसे कम उम्र की ‘शांति की दूत’ बनाया जिसके बाद मलाला ने कहा कि पुरुषों को महिलाओं के पंख नहीं कतरने चाहिए बल्कि उन्हें उड़ान भरने देना चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की ओर से किसी भी वैश्विक नागरिक को दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है.

पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाली 19 वर्षीय शिक्षा कार्यकर्ता मलाला ने कहा, ‘‘पुरूष, पिता और भाई की भूमिका बेहद अहम होती है. स्वात घाटी में मेरी जैसी कई लड़कियां हैं जो आवाज उठा सकती थीं, लेकिन उनके पिता ने उन्हें इसकी मंजूरी नहीं दी, उनके भाई ने उन्हें अनुमति नहीं दी.’’ उन्होंने कहा कि उनका अपना मामला अलग था क्योंकि उनके पिता ने कभी उन्हें नहीं रोका.

मलाला ने सोमवार (10 अप्रैल) को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र शांतिदूत का सम्मान लेने के बाद कहा, ‘मेरे पास एक पिता और ऐसा परिवार है जिन्होंने कहा कि ‘हां तुम बोल सकती हो’. मुझे लगता है कि यही हमें चाहिए भी. हमें परिवार में ऐसे पिता और भाई की जरूरत है जो महिलाओं को वे करने की आजादी दे जो वे करना चाहती है.’ 

उन्होंने कहा कि उनके पिता लोगों से हमेशा कहते हैं कि मुझसे यह न पूछे कि मैंने मलाला के लिए क्या किया है ‘लेकिन ये जरूर पूछे कि मैंने क्या नहीं किया..मैंने उसके पर नहीं कांटे.’ 

मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई इस दौरान दर्शक दीर्घा में बैठ अपनी बेटी का हौसला बढ़ा रहे थे. मलाला यूसुफजई ने कहा, ‘पुरुषों को महिलाओं के पर नहीं काटने चाहिए. उन्हें परवाज करने देना चाहिए और आगे बढ़ने देना चाहिए.’ 

स्कूल जाने के कारण तालिबान ने वर्ष 2012 में मलाला को गोली का निशाना बनाया था.

जलवायु परिवर्तन के लिए ऑस्कर विजेता अभिनेता लियानाडरें डिकैप्रियो, एचआईवी रोकथाम एवं महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए काम करने वाली अभिनेत्री चार्ली थेरन और निश्स्त्रीकरण की दिशा में काम के लिए अभिनेता माइकल डगलस को भी संयुक्त राष्ट्र का शांतिदूत चुना गया है.

गुटेरेस ने कहा, ‘आपके साथ यहां यूं होना बेहद भावुक क्षण हैं. आप सभी विश्व के बेहद महत्वपूर्ण उद्देश्यों का प्रतीक हैं, शायद विश्व के सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों के लिए और वे हैं शिक्षा, सभी के लिए शिक्षा और विशेषतौर पर जब हमें पता है कि कई समाजों में लड़कियों के लिए शिक्षा बेहद कठिन है.’

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