पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि भारत के साथ इस्लामाबाद के ‘‘दोस्ती’’ के प्रस्ताव को उसकी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए और भारतीय नेतृत्व को ‘‘अहंकार’’ त्याग कर शांति वार्ता करनी चाहिए.
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लाहौर: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि भारत के साथ इस्लामाबाद के ‘‘दोस्ती’’ के प्रस्ताव को उसकी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए और भारतीय नेतृत्व को ‘‘अहंकार’’ त्याग कर शांति वार्ता करनी चाहिए. खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत लिखा था जिसमें आतंकवाद और कश्मीर समेत अहम मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता फिर से शुरू करने की बात कही गई थी. भारत ने इस महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच बातचीत के लिये शुरुआती सहमति भी दे दी थी.
नई दिल्ली ने हालांकि शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसवालों की ‘नृशंस’ हत्या और कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी को ‘‘महिमा मंडित’’ की जाने वाली डाक टिकटों के जारी होने के बाद इस प्रस्तावित बैठक को रद्द कर दिया था. खान ने रविवार को यहां पंजाब की नौकरशाही को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि भारतीय नेतृत्व अहंकार छोड़ेगा और पाकिस्तान के साथ (शांति) वार्ता करेगा.
हमारे दोस्ती के प्रस्ताव को हमारी कमजोरी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए . पाकिस्तान और भारत के बीच दोस्ती गरीबी से पार पाने में मदद करेगी.’’ खान ने कहा कि पाकिस्तान को ‘‘धमकी नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह दुश्मनी के किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेगा.’’ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दोस्ती (भारत और पाकिस्तान के बीच) दोनों देशों के हित में है. हम किसी भी विश्व शक्ति के दबाव में नहीं आएंगे.’’
इनपुट भाषा से भी