DNA: पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने आखिर मांग ली माफी! कट्टरपंथियों ने कर दिया मजबूर
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DNA: पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने आखिर मांग ली माफी! कट्टरपंथियों ने कर दिया मजबूर

Chief Justice of Pakistan: कुछ घंटों तक कट्टरपंथियों का उत्पात...और सीधे घुटनों पर आ गए चीफ जस्टिस...ये घटनाएं पाकिस्तान के हालात को बयां करती हैं और बताती हैं कि पाकिस्तान में कट्टरपंथ अब अदालत और सरकार से ऊपर हो गए हैं.

DNA: पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने आखिर मांग ली माफी! कट्टरपंथियों ने कर दिया मजबूर

कट्टरपंथ और नफरत बांग्लादेश को किस दिशा में ले जाएगी...इसका सबसे बड़ा सबूत है पाकिस्तान...जहां कट्टरपंथियों की पावर इतनी बढ़ गई है कि देश का चीफ जस्टिस माफी मांगने को मजबूर हो गया. किस तरह एक अहमदिया धर्म प्रचारक को माफ कर देना...कट्टरपंथियों के हंगामे और तोड़फोड़ की वजह बन गया था...हजारों की तादाद में कट्टरपंथियों ने इस्लामाबाद में सुप्रीम कोर्ट के सुऱक्षा घेरे को पार कर दिया था...और कोर्ट परिसर के अंदर उत्पात मचाया था

कट्टरपंथियों ने अपनी ताकत का एहसास...पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को कराया और इस ताकत का असर आज सामने आया...जब पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने कट्टरपंथी नेताओं से अपने फैसले लेकर माफी मांगी...चीफ जस्टिस काजी फैज़ इसा ने एक बयान जारी करते हुए कहा मैं तारिक उस्मानी साहब से माफी मांगता हूं...अगर आपके ऐतराज पर मैंने गौर किया होता तो उन सुझावों और ऐतराजों पर पूरी किताब लिखी जा सकती है

उन्होंने कहा कि मैं सभी दस्तावेजों को पढ़कर उन्हें समझ नहीं पाया...आप अपने मुद्दे कोर्ट को भेजें...हम उन्हें पढ़ेंगे और अगर समझ नहीं पाए तो आपसे पूछेंगे...इंसान होने के नाते मुझसे भी गलती हो सकती है

कुछ घंटों तक कट्टरपंथियों का उत्पात...और सीधे घुटनों पर आ गए चीफ जस्टिस...ये घटनाएं पाकिस्तान के हालात को बयां करती हैं और बताती हैं कि पाकिस्तान में कट्टरपंथ अब अदालत और सरकार से ऊपर हो गए हैं...अब हम आपको उस फैसले के बारे में बताते हैं जिसके चलते पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को माफी मांगनी पड़ी

वर्ष 2021 में अहमद सानी नाम के शख्स को अहमदियों से जुड़े धार्मिक पर्चे बांटने के आरोप में सजा सुनाई गई थी. फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने अहमद सानी को जमानत देकर तुरंत रिहाई का आदेश दिया था. चीफ जस्टिस ने कहा था कि अहमदिया समुदाय को भी अपने धर्म का प्रचार करने की आजादी है. जबकि पाकिस्तान में अहमदिया पंथ को मुसलमान नहीं माना जाता

एक गैर मुस्लिम को अपने पंथ की इजाजत करने की इजाजत कैसे मिली...यही पाकिस्तान के कट्टरपंथियों को कबूल नहीं हुआ...और हंगामा कर उन्होंने पाकिस्तान् में अपनी ताकत का एहसास करा दिया...ये तस्वीरें बांग्लादेश के लोगों को भी देखनी चाहिए...अगर आज वो अपनी धरती पर गैर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा और नफरत को नहीं रोकेंगे...तो आने वाले कल का बांग्लादेश का हाल पाकिस्तान जैसा ही होगा

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