Lok Sabha Elections 2024: रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए की जीत होने की सूरत में मोदी की घरेलू और विदेश में बड़े बदलाव होने की संभावना कम है.
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India-China Relations: भारत के लोकसभा चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर है. मतदान खत्म हो जाने के बाद अब सबको नतीजों का इंतजार है हालांकि उससे पहले अधिकांश एग्जिट पोल नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने की भविष्यवाणी कर चुके हैं. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी एग्जिट पोल को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई. इसमें कहा गया है कि अगर मोदी जीतते हैं तो वह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में बने रहने वाले दूसरे नेता बन जाएंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए की जीत होने की सूरत में मोदी की घरेलू और विदेश में बड़े बदलाव होने की संभावना कम है.
‘भारत को तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाना’
रिपोर्ट में कियान फेंग के हवाले से कहा गया कि मोदी भारत के लिए निर्धारित घरेलू और विदेश नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाते रहेंगे, जिसमें उनका मुख्य ध्यान कुछ वर्षों में देश को अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर होगा. केंग सिंघुआ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक हैं.
कियान ने कहा कि मोदी के रणनीतिक दृष्टिकोण में कूटनीतिक माध्यमों से भारत के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने की लगातार कोशिश भी जारी है. प्रधानमंत्री भारत को एक अग्रणी शक्ति बनाने का नजरिया रखते हैं.
कैसे होंगे भारत-चीन रिश्ते
रिपोर्ट में भारत-चीन के पेचीदा रिश्तों के बारे में भी चर्चा की गई है और दोनों पक्षों के बीच टकराव नहीं होने की उम्मीद जताई गई है.
रिपोर्ट में अप्रैल में अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक के साथ में पीएम मोदी के इंटरव्यू का भी संदर्भ दिया गया है जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत के लिए चीन के साथ संबंध महत्वपूर्ण और सार्थक हैं. उन्होंने कहा कि भारत और चीन को 'अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चली आ रही स्थिति को तत्काल संबोधित करने की आवश्यकता है ताकि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में असामान्यता को पीछे छोड़ा जा सके.'
इंटरव्यू में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं.
रिपोर्ट में के मुताबिक चीनी पक्ष भारत के साथ संबंधों को सक्रिय रूप से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, यह मानते हुए कि स्थिर द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना दोनों पक्षों के हित में है.