Pakistan News: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का चांसलर क्यों बनना चाह रहे इमरान खान? क्या PAK सेना के लिए छिपा है संदेश
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Pakistan News: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का चांसलर क्यों बनना चाह रहे इमरान खान? क्या PAK सेना के लिए छिपा है संदेश

Imran Khan on Oxford University: पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर बनने की कोशिश में हैं. वे ऐसा क्यों कर रहे हैं. क्या ऐसा करके वे पाक सेना को कोई संदेश दे रहे हैं.

Pakistan News: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का चांसलर क्यों बनना चाह रहे इमरान खान? क्या PAK सेना के लिए छिपा है संदेश

Imran Khan on Oxford University Chancellor Election 2024: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान सैन्य संस्थानों पर हमले के आरोप में पिछले एक साल से जेल में बंद हैं. सेना से खुली अदावत की वजह से वे कब जेल से बाहर आ पाएंगे, इसके बारे में भी किसी को स्पष्ट नहीं है. ऐसे में उनका ताजा मूव लोगों को चौंका रहा है. असल में उन्होंने ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चांसलर बनने के लिए दावा ठोका है. सवाल उठ रहा है कि इमरान खान पाकिस्तान की राजनीति को छोड़कर ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में चांसलर क्यों बनना चाहते हैं. 

एक साल से जेल में बंद हैं इमरान 

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान को जेल में बंद हुए एक साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है. उनकी पार्टी के कार्यकर्ता इमरान की रिहाई के लिए जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि इन धरना प्रदर्शनों से पाकिस्तानी सेना और शहबाज सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. जिससे इमरान खाल जेल की दीवारों को निहारने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं. 

कौन बन सकता है चांसलर?

ऐसे में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चांसलर के पद का चुनाव उनके लिए एक मौका लेकर आया है. असल में ब्रिटेन की पूर्व कंजर्वेटिव पार्टी में मंत्री रहे क्रिस पैटन अब तक यूनिवर्सिटी के चांसलर थे. लेकिन बीती फरवरी में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद से यह पद खाली चल रहा है. इस यूनिवर्सिटी के नियमों के मुताबिक वहां से ग्रेजुएशन करके राजनीति में नाम कमाने वाले लोग चांसलर के पद के नामांकन कर सकते हैं.

इन दो कद्दावर से होगी टक्कर

इमरान खान इस यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए हैं और पाकिस्तान की राजनीति में भी सक्रिय हैं. लिहाजा वे दोनों शर्तों को पूरा करते हैं. इस बार चांसलर के पद के लिए आवेदन और वोटिंग दोनों ऑनलाइन हो गए हैं. इसलिए इमरान खान के लिए चांसलर के पद पर चुनाव लड़ने का रास्ता खुल गया है. इस चुनाव में वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी के मेंबर्स ही वोट डालते हैं. जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा मत मिलते हैं, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है. इस चुनाव में इमरान का मुकाबला ब्रिटेन के पूर्व पीएम टोनी ब्लेयर और बोरिस जॉनसन से होने की उम्मीद है. जिससे मुकाबला कड़ा हो सकता है. 

क्या किसी को संकेत दे रहे इमरान?

इन हालातों में इमरान खान का ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी के चांसलर पद के लिए कूदना आखिर किस बात का संकेद दे रहा है. इस पर राजनीतिक पंडितों के विचार अलग-अलग हैं. हालांकि दो बिंदुओं पर वे एकमत हैं. उनका कहना है कि इमरान खान इस चुनाव के जरिए एक बार फिर दुनिया, विशेषकर पश्चिमी देशों के नजरों में आना चाहते हैं. जिससे दुनिया में उनके प्रति सहानुभूति का माहौल बने और पाकिस्तान सरकार पर उन्हें जेल से छोड़ने का दबाव बने.

वहीं दूसरा बिंदु यह है कि इमरान खान इस चुनाव के जरिए जेल से सेफ एग्जिट का संकेत दे रहे हैं. राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, इमरान खान चांसलर के इलेक्शन में खड़े होकर यह जता रहे हैं कि अगर वे चांसलर का पद जीत जाते हैं तो उसे संभालने की बात कहते हुए वे पाकिस्तान की राजनीति से अलग हो सकते हैं. ऐसा करके वे पाकिस्तानी सेना और शहबाज सरकार को उनके प्रति नरम रुख अपनाने और जेल से छोड़ने का इशारा कर रहे हैं. 

PAK सेना और सरकार ने साधी चुप्पी

फिलहाल इमरान के चुनाव लड़ने पर पाकिस्तान सरकार या सेना की ओर से कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है. ऐसे में सब कुछ अभी कयासों के दौर में ही चल रहा है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में इस साल अक्टूबर में चांसलर पद का चुनाव होगा, जिसके बाद ही पता चल पाएगा कि इमरान खान का भविष्य क्या होने वाला है. 

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