Hafiz Saeed Pakistan News: बैगन और बोतल जैसे चुनाव चिन्ह पर पाकिस्तान में आज वोटिंग हो रही है. इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि वहां आतंकी भी माननीय बनने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें एक बड़ा नाम हाफिज सईद के बेटे तलहा का है.
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Hafiz Talha Saeed Pakistan Chunav 2024: पाकिस्तान में वैसे तो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए आज वोटिंग हो रही है लेकिन हालत यह है कि वहां आतंकवादी भी चुनाव लड़ रहे हैं. जी हां, मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद का पूरा आतंकी कुनबा चुनाव मैदान में उतर चुका है. अब ये आतंकी माननीय बनकर असेंबली में बैठना चाहते हैं. सईद का बेटा हाफिज तलहा सईद मरकाजी मुस्लिम लीग पार्टी से चुनाव लड़ रहा है. वह लाहौर में नेशनल असेंबली-122 सीट से चुनाव मैदान में है. इसी सीट से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता और पूर्व मंत्री ख्वाजा साद रफीक भी लड़ रहे हैं. इसी तरह सईद का दामाद हाफिज नेक गुज्जर मरकाजी मुस्लिम लीग के टिकट पर प्रांतीय विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पीपी-162 से चुनाव लड़ रहा है.
आतंकियों की पार्टी भी है
आपको जानकर हैरानी होगी कि 2008 मुंबई आतंकी हमलों के सरगना हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठनों का नया चेहरा ‘पाकिस्तान मरकाजी मुस्लिम लीग’ नामक नई पार्टी के रूप में आम चुनाव में उतरा है. पाकिस्तान में अक्सर ऐसा होता है जब विदेशी दबाव में एक आतंकी संगठन पर पाबंदी लगती है तो दूसरा गुट जन्म ले लेता है.
मतलब लश्कर के आतंकी नेता बनेंगे
मरकाजी मुस्लिम लीग के कई उम्मीदवार हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं या उनका संबंध प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा या मिल्ली मुस्लिम लीग से रहा है. सईद को आतंकी फंडिंग के कई मामलों में पाक कोर्ट ने 31 साल जेल की सजा दे रखी है. उसे संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर 2008 को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डाला था. भारत ने पिछले साल 29 दिसंबर को पाकिस्तान से हाफिज सईद को प्रत्यर्पित करने के लिए कहा था जो आतंकवाद के कई मामलों में भारत में वांछित है. फिलहाल वह लाहौर की एक जेल में बंद है.
सईद के बेटे हाफिज तलहा के चुनाव लड़ने की खबरों पर भारत ने दो टूक कहा कि पड़ोसी देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को ‘मुख्यधारा’ में लाना कोई नई बात नहीं है. यह लंबे समय से पाकिस्तान में सरकारी नीति का हिस्सा रहा है. कई एक्सपर्टों ने कहा है कि मरकाजी मुस्लिम लीग सईद की जमात-उद-दावा का नया राजनीतिक चेहरा है. पहले भी जमात-उद-दावा से जुड़े कुछ लोग ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ पार्टी की तरफ से 2018 के चुनावों में हिस्सा लेने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन पाक चुनाव आयोग ने उसे प्रतिबंधित कर दिया था. इस बार सब खुल्लमखुल्ला चल रहा है.