Pakistan News: तब रोज काले बकरे की कुर्बानी क्यों देते थे आसिफ अली जरदारी, पाकिस्तान के दोबारा बनेंगे राष्ट्रपति
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Pakistan News: तब रोज काले बकरे की कुर्बानी क्यों देते थे आसिफ अली जरदारी, पाकिस्तान के दोबारा बनेंगे राष्ट्रपति

Asif Ali Zardari News: पाकिस्तान के होने वाले अगले राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बारे में आप जानते होंगे. पिछली बार जब वह राष्ट्रपति बने थे तब वह रोज काले बकरे की कुर्बानी दिया करते थे. वह काले जादू से बचने के लिए ऐसा करते थे. 2008 से वह 2013 तक वह पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे.

Pakistan News: तब रोज काले बकरे की कुर्बानी क्यों देते थे आसिफ अली जरदारी, पाकिस्तान के दोबारा बनेंगे राष्ट्रपति

Pakistan Next President: भारत में शायद कम लोगों को पता होगा कि पाकिस्तान के दोबारा राष्ट्रपति बनने जा रहे आसिफ अली जरदारी रोज काले बकरे की कुर्बानी दिया करते थे. जी हां, पिछली बार जब वह 2008 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने थे तब उनके घर पर रोज काले बकरे लाए जाते थे. काले जादू और बुरी नजरों से बचने के लिए जरदारी ऐसा करते थे. पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने 2010 में यह रिपोर्ट प्रकाशित की तो दुनियाभर में इसकी चर्चा हुई. उस समय जरदारी रोज अपने इस्लामाबाद वाले घर पर काले रंग के बकरे की कुर्बानी देते थे. 

काला बकरा और सादिका

पाकिस्तान में सब कुछ ठीक रहा तो शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री और आसिफ अली जरदारी दूसरी बार देश के राष्ट्रपति बनेंगे. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी PPP के बीच गठबंधन सरकार को लेकर समझौता हो गया है. जरदारी की फिर से बातें होने लगीं तो 2010 की वह रिपोर्ट चर्चा में आ गई. तत्कालीन प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने इस बात की पुष्टि भी की थी कि राष्ट्रपति 'सादिका' करते हैं. इसमें किसी जानवर की कुर्बानी दी जाती है और उसका मांस गरीबों में बांट दिया जाता है. 

बाबर ने मीडिया से कहा था कि मैंने इसे होते हुए देखा है. हर दिन तो नहीं लेकिन हां अक्सर वह ऐसा करते हैं. उन्होंने कहा था कि इसका उद्देश्य अल्लाह को खुश करना है. यह भी कामना होती है कि बुरी चीजें नहीं होंगी. प्रवक्ता ने ही बताया था कि जरदारी की पत्नी बेनजीर भुट्टे ने सादिका की शुरुआत 2007 में पाकिस्तान लौटने के बाद की थी. कुछ महीने बाद एक आत्मघाती हमले में बेनजीर की हत्या हो गई. 

जरदारी के बारे में कहा जाता है कि बेनजीर भुट्टो के सत्ता में आने के बाद वह पार्टी और सरकार के लिए लायबिलिटी बन गए थे. उनसे पार्टी को काफी बदनामी मिली. घोटाले और 10 प्रतिशत कमीशन के भी आरोप लगे. इस बार उनके बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी पीएम की रेस में बताए जा रहे थे लेकिन चुनाव के नतीजे उनके मनमाफिक नहीं रहे. (फोटो- Lexica AI)

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