India-Pakistan: अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार (स्थानीय समय) को कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता है.
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क्या भारत-पाकिस्तान के रिश्ते एक बार फिर करवट लेने जा रहे हैं. अमेरिका के एक बयान के बाद एक बार फिर इन अटकलों को बल मिला है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार (स्थानीय समय) को कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि बातचीत की गति, दायरा और चरित्र भारत और पाकिस्तान द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए, न कि अमेरिका द्वारा।
मिलर ने कहा, 'हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अपने महत्वपूर्ण संबंधों को महत्व देते हैं। जैसा कि हमने कहा है, हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करते हैं। लेकिन, गति, दायरा और चरित्र उन दोनों देशों द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए, न कि हमारे द्वारा.'
मिलर से पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ द्वारा नरेंद्र मोदी को तीसीर बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देने और एक्सपर्ट्स द्वारा दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरने की उम्मीद जाहिर करने को लेकर सवाल पूछा गया था.
क्यों हो रही है भारत-पाक रिश्तों की चर्चा
दरअसल पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की तरफ से कुछ ऐसे बयान जिससे संकेत मिलता है कि पाकिस्तान अब भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहता है.
इसके अलावा पीएम मोदी के तीसरी बार चुने जाने पर उन्हें पीएम शहबाज शरीफ, उनके बड़े भाई ओर पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज शरीफ की तरफ से बधाई संदेश मिला. पीएम मोदी की तरफ से भी इन संदेशों पर जवाब दिया. इससे फिर भारत-पाक रिश्तों को लेकर चर्चाओं का दौरा शुरू हो गया.
नवाज का लाहौर समझौते को लेकर कबूलनामा
हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 28 मई को स्वीकार किया कि इस्लामाबाद ने भारत के साथ 1999 में हुए लाहौर समझौते का ‘उल्लंघन’ किया था.
नवाज ने कहा, ‘28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए. उसके बाद वाजपेयी साहब यहां आए और हमारे साथ समझौता किया. लेकिन, हमने उस समझौते का उल्लंघन किया…यह हमारी गलती थी.’
पाकिस्तानी विदेश मंत्री का व्यापार बहाली से जुड़ा बयान
इससे पहले मार्च में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक डार ने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों की बहाली का संकेत दिया. ब्रिटेन में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान कहा कि पाकिस्तान पड़ोसी देश भारत के साथ व्यापारिक संबंधों की बहाली के लिए गंभीरता से विचार कर रहा है.
दौरान कहा कि पाकिस्तान पड़ोसी देश भारत के साथ व्यापारिक संबंधों की बहाली के लिए गंभीरता से विचार कर रहा है.
पाकिस्तान में भारत के साथ संबंधों को लेकर दुविधा
हालांकि सबकुछ इतना आसान नहीं दिखता है. पाकिस्तान की तरफ से ऐसे बयान भी आ रहे हैं जिससे लगता है कि भारत से रिश्तों को लेकर वहां अब भी दुविधा कायम है.
पीएम मोदी को शहबाज शरीफ और नवाज शरीफ की तरफ से दी गई बधाई के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, 'मोदी को भारतीय प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देना महज एक कूटनीतिक मजबूरी है.' उन्होंने जियो न्यूज के कार्यक्रम कैपिटल टॉक में बोलते हुए यह बयान दिया था.
पिछले कुछ वर्षों दोंनों देशों के बीच तनाव बढ़ा
पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारत के युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे.
भारत द्वारा पांच अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद दोनों देशों के संबंधों में और खटास आ गई.
भारत का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी वाले संबंध चाहता है लेकिन वह इस बात पर जोर देता रहा है कि इस तरह के संबंधों के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है.