Papua New Guinea: पापुआ न्यू गिनी में फिर डरा रहा 'मौत का पहाड़', गांवों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया; दबे लोगों की खोज जारी
Advertisement
trendingNow12267693

Papua New Guinea: पापुआ न्यू गिनी में फिर डरा रहा 'मौत का पहाड़', गांवों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया; दबे लोगों की खोज जारी

Papua New Guinea Landslide Update: पापुआ न्यूज गिनी में पहाड़ खिसकने से 2 हजार लोगों की मौत के बाद भी खतरा अभी टला नहीं है. वहां पर अब भी पहाड़ों से पत्थर गिर रहे हैं. खतरे को देखते हुए आसपास के गांवों से सैकड़ों लोगों को निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है 

 

Papua New Guinea: पापुआ न्यू गिनी में फिर डरा रहा 'मौत का पहाड़', गांवों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया; दबे लोगों की खोज जारी

Papua New Guinea News in Hindi: द्वीपीय देश पापुआ न्यू गिनी में आए भूस्खलन की वजह से वहां पर करीब 2 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद भी वहां पर नए भूस्खलन का खतरा अभी बना हुआ है. इसे देखते हुए भूस्खलन की आशंका वाले गांवों से करीब 8 हजार लोगों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. प्रशासन से जुड़े अधिकारी सैंडिस त्साका ने एक बयान में कहा, 'हम इलाके को खाली करवाने की कोशिश कर रहे हैं. यहां पर आप हर घंटे चट्टान टूटने की आवाज़ सुन सकते हैं. यह आवाज बम या बंदूक की गोली की तरह है, जो किसी को भी मौत की नींद सुला सकती हैं.' 

सोए लोगों पर टूट पड़ा पहाड़, अब तक 2 हजार की मौत

सहयोगी वेबसाइट WION के मुताबिक पापुआ न्यू गिनी में 24 मई को आए विनाशकारी भूस्खलन में 2 हजार से ज्यादा लोग दब चुके हैं. हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपने शुरुआती अनुमान में 670 संभावित मौतों की सूचना दी थी. लेकिन अब सामने आई नई संख्या शुरुआती आकलन से डेढ़ गुना ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक इस भूस्खलन की वजह से एंगा प्रांत के तहत आनेवाले माईप-मुलिताका क्षेत्र के 6 गांवों पर रात में मौत टूट पड़ी. यह घटना उस वक्त हुई, जब गांवों के लोग सो रहे थे. इस घटना में 150 से अधिक घर पहाड़ से टूटकर आए मलबे में दब गए. 

शुरुआत के 2 दिनों तक नहीं पहुंच सकीं राहत टीमें

रिपोर्ट के मुताबिक जिन गांवों में पहाड़ टूटकर गिरा, वहां तक आने- जाने के उचित रास्ते नहीं हैं. इसके साथ ही वहां बसी विभिन्न जनजातियों में आपसी संघर्ष भी भारी मशीनरी और सहायता कर्मियों को वहां तक लाने में बाधा साबित हुआ. आलम ये था कि भूस्खलन के करीब 2 दिन बाद उन गांवों में सहायता टीमें पहुंच सकीं. पापुआ न्यू गिनी के रक्षा मंत्री बिली जोसेफ ने बताया कि घटना के बारे में नजदीकी पड़ोसी देश ऑस्ट्रेलिया को सूचना भेजी गई. इसके बाद वहां से आई मदद से बचाव अभियान शुरू किया गया. 

पापुआ न्यू गिनी को अंतरराष्ट्रीय सहायता मिलनी शुरू

पापुआ न्यू गिनी को इस संकट से बाहर उबारने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता मिलनी शुरू हो गई है. ऑस्ट्रेलिया ने इसकी शुरुआत करते हुए 1.66 मिलियन डॉलर के सहायता पैकेज की घोषणा की है. चीन ने भी सहायता का वादा किया है. वहीं प्रभावित गांवों में स्थितियां अब भी खतरनाक बनी हुई हैं. बारिश और अस्थिर जमीन की वजह से वहां पर बचाव प्रयास लगातार जटिल हो रहे हैं.

दबे लोगों के बचने की अब संभावना न के बराबर 

संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी के मिशन प्रमुख सेरहान एक्टोप्राक ने पापुआ न्यू गिनी के हालात पर चिंता जताते हुए कहा, 'वहां पर लोग यह महसूस कर रहे हैं कि जो लोग पहाड़ के मलबे के नीचे दब चुके हैं, वे अब जीवित नहीं हैं. वहां के एक पादरी ने भी ऐसे ही हालात का वर्णन करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि हर कोई एक ही समय में एक ही घर में था. इसलिए बचने की संभावनाएं अभी भी बनी हुई हैं. हालांकि लोगों को यह जानकारी नहीं मिल रही है कि उनके बच्चे, पैरंट्स, बहुएं कहां हैं. उनके इन सवालों का कोई जवाब भी नहीं दे पा रहा है.' 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Trending news