Petrol Diesel Latest Updates: क्या दुनिया में पेट्रोल-डीजल के दाम फिर से बढ़ने जा रहे हैं. सऊदी अरब के एक फैसले से दुनिया में अफरा-तफरी मचने की आशंका जताई जा रही है.
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Latest Decision of Saudi Arabia on Petroleum Production: दुनिया में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अभी ऊंचे स्तर पर ही बनी रहेंगी. दुनिया में सबसे ज्यादा कच्चे पेट्रोलियम का उत्पादन करने वाले सऊदी अरब ने फिलहाल प्रॉडक्शन की मात्रा बढ़ाने से इनकार कर दिया है. उसने कहा है कि वह अपने तेल उत्पादन में रोजाना 10 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती जारी रखेगा. उसने बताया कि यह कटौती तेल की कीमतें (Petrol Diesel Price) स्थिर करने के लिए हैं. सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह कब से उत्पादन बढ़ाना शुरू कर देगा.
कोरोना के बाद से सुस्त हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें
बताते चलें कि कोरोना महामारी की वजह से दुनिया भर के उद्योग धंधों के उत्पादन में गिरावट आने की वजह से पेट्रोल-डीजल की मांग काफी कम हो गई थी, इसके चलते उसकी कीमतें भी काफी गिर गई थीं. कच्चे तेल की सुस्त पड़ती कीमतों (Petrol Diesel Price) में तेजी लाने के लिए सऊदी अरब ने इस साल जुलाई तक तेल उत्पादन में 10 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की घोषणा की थी. लेकिन अब उसने इस कटौती को सितंबर के अंत तक जारी रखने का फैसला किया है.
'जरूरत पड़ने पर बढ़ सकती है कटौती की समयसीमा'
सऊदी (Saudi Arabia) प्रेस एजेंसी ने ऊर्जा मंत्रालय के एक अधिकारी से बताया कि जरूरत पड़ने पर तेल उत्पादन में इस कटौती की मात्रा बढ़ाने के साथ समयसीमा को आगे भी बढ़ाया जा सकता है. सऊदी अरब के इस अधिकारी ने कहा, 'हमने यह अतिरिक्त स्वैच्छिक कटौती तेल निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) एवं सहयोगी देशों के एहतियाती कदमों को मजबूती देने के लिए उठाया है. तेल बाजार को स्थिर (Petrol Diesel Price) एवं संतुलित रखने के लिए उत्पादन में कटौती की जा रही है.'
ओपेक प्लस देशों ने किया फैसला
पेट्रोलियम उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और सहयोग देशों (ओपके प्लस) ने कच्चे तेल की नरम पड़ती कीमतों (Petrol Diesel Price) को तेज करने के लिए उत्पादन कम करने का फैसला किया है. इन देशों ने अपने उत्पादन में कटौती अगले साल तक जारी रखने पर सहमति जताई है. शुरू में रूस इस फैसले से सहमत नहीं था लेकिन बाद में उसने भी इस फैसले के लिए अपनी रजामंदी दे दी. वहीं अमेरिका समेत पश्चिमी देश ओपेक देशों से तेल उत्पादन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.