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नरक से बदतर बना दी अपने 13 बच्चों की जिंदगी, इस तरह दुनिया के सामने आई कहानी

Children tortured like ‘hell’ conditions there parents jailed: कैलिफोर्निया के एक कलियुगी मां-बाप ने अपने बच्चों पर जुल्म और सितम का जो कहर ढ़ाया उसकी कहानी अब वायरल हो रही है. आरोपी पैरेंट्स के 13 बच्चे थे जिनमें से कई बच्चे बालिग हो चुके हैं और उन्होंने टीवी चैनल्स पर आकर घर में अपने ऊपर हुए अत्याचारों की कहानी को साझा किया जिसे सुनकर बहुत से लोग अपने आसूं नहीं रोक पाए.  

सत्य घटना पर आधारित

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सत्य घटना पर आधारित

द सन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इन भाई-बहनों ने पुलिस को बताया कि कुछ बच्चों को जंजीरों और ताले से बांधा गया था. पुलिस के मुताबिक कुछ बच्चे 'अंधेरे और दुर्गंध भरे कमरे' में बिस्तर पर पड़े थे. रिवरसाइड काउंटी ऑफिस के बयान में कहा कि उनकी टीम तब हैरान रह गई जब वहां मौजूद बंधक बच्चों में 7 बालिग हो चुके थे लेकिन कुपोषण का शिकार और गंदे माहौल में रहने की वजह से हुई मानसिक बीमारी की वजह से वो भागने तक के लिए सोच नहीं पा रहे थे.  

 

 

(photo's credit: refer to caption)

दुखों में बीता बचपन

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दुखों में बीता बचपन

टर्पिन फेमिली के इन बच्चों की कहानी पर एक फिल्म बनी है. वहीं इन भाई बहनों में से सबसे बड़े ने बीबीबी के रिपोर्टर को बताया, 'मेरा पूरा शरीर कांप रहा था. मैं डर के मारे 911 डायल नहीं कर पाया. मुझे लगा कि हम एक बार फिर मौत के करीब आ रहे थे. हमारी बहनों के साथ भी बुरा बर्ताव होता था.' एस्केप फ्रॉम अ हाउस ऑफ़ हॉरर के नाम से इनकी कहानी प्रकाशित हुई है.

 

घर से भागे

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घर से भागे

टर्पिन फेमिली के ये 13 भाई-बहन, जिनकी उम्र दो साल से लेकर 29 साल के बीच थी. सभी के साथ दुर्व्यवहार किया गया. कुछ समय बाद उनमें से कुछ 2018 में कैलिफोर्निया स्थित घर से भागने में कामयाब हो गए थे. इस मामले में पक्ष रखने वाले सरकारी वकील ने बताय कि परिवार की सबसे बड़ी बेटी 29 साल की थी जिसका वजन 42 किलोग्राम के करीब रह गया था. वहीं एक सात साल के बच्चे का वजन भी सामान्य स्तर से काफी कम था. 

 

जेल गए हैवान!

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जेल गए हैवान!

अपने ही बच्चों की जिंदगी को नरक बना देने वाला पति-पत्नी का ये जोड़ा अब अपने असल अंजाम यानी जेल की सलाखों के पीछे है. डेविड और लुईस टर्पिन को बच्चों के साथ क्रूरता, यातना और बंधक बनाने समेत 14 मामलों में दोषी ठहराते हुए 25 साल कठोर कारावास यानी जेल की सजा सुनाई गई है. 

 

फोटो: (AP)

'गॉड ने बचाया'

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'गॉड ने बचाया'

टर्पिन परिवार के बच्चों ने खुलासा किया है कि वे 'नरक जैसी' परिस्थितियों में किस तरह रहते थे. उन्होंने स्वीकार किया कि शायद ही उनका कोई भाई या बहन ऐसा रहा हो जो मौत के करीब न पहुंचा हो. क्योंकि उनके माता-पिता द्वारा सभी को भूखा और प्रताड़ित किया गया था. दुनिया से अपनी दुखभरी कहानी साझा करते हुए इस परिवार की एक बेटी ने कहा कि हम सभी जिंदा बच गए ये भगवान की मेहरबानी थी.

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