किलपॉक मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर पी वसंतमणि ने कहा कि पैरोस्मिआ डिसऑर्डर से उबरने में काफी समय लग सकता है. कई बार तो सालों तक. इसका कोई सीधा इलाज नहीं है.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ रही है. लेकिन इस बीच कोरोना से उबरने वालों में रेयर आफ्टर इफेक्ट्स दिख रहे हैं, जिसमें स्वाद जाने की जगह लोगों को हर चीज से दुर्गंध आती है. ऐसे ही एक मामले में एक मेडिकल स्टूडेंट ने अपनी आपबीती साझा की.
चेन्नई की रहने वाली मेडिकल स्टूडेंट ने कहा कि उन्हें अपने खाने पीने की पसंदीदा चीजों में से सीवर जैसी बदबू आने लगी है. उनके मामले को जानकर विशेषज्ञ भी हैरान हैं.
डॉक्टरों ने इस समस्या को पैरोस्मिआ डिसऑर्डर कहा है. इसमें हर चीज से बदबू आती है. यहां तक कि आपकी पसंदीदा कॉपी सीवर के पानी जैसी बदबू देने लगती है. कोरोना से उबरे कई लोगों में ये समस्या देखने को मिली है. ये समस्या सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अलग अलग देशों में भी सामने आई है. एक महिला ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने मछली रख दिया हो और महीने भर के लिए भूल गया हो. कुछ इतनी तीखी गंध जो मैंने जीवन में कभी महसूस ही नहीं की थी.
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से उबरने के बाद आगे तीन महीने बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है. ये डिसऑर्डर किसी को भी हो सकता है. ये समस्या दो सप्ताह से लेकर 6 सप्ताह तक रह सकती है
किलपॉक मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर पी वसंतमणि ने कहा कि पैरोस्मिआ डिसऑर्डर से उबरने में काफी समय लग सकता है. कई बार तो सालों तक. इसका कोई सीधा इलाज नहीं है. चूंकि अब तक ये समस्या सीमित रहती थी, इसलिए इसपर ध्यान कम गया. लेकिन पोस्ट कोरोना रोगियों में ये समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है.
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