कैसे दिखते हैं ये जीव: भारत में वाकिता पॉरपॉइज नाम की इस एंडेंजर्ड स्पीशीज को सूंस नाम से जानते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस लुप्त होने की कगार वाले जीव को बचाया जा सकता है. इन जीवों का रंग ग्रे और सिल्वर होता है. ये 5 फीट लंबे और 54 किलोग्राम वजन के होते हैं. इनका निचला भाग सफेद और ऊपरी भाग ग्रे होता है. इनकी आंखों के चारों तरफ मानो प्राकृतिक काजल लगा होता है.
कहां पाई जाती है ये स्पीशीज: आपको बता दें कि ये एंडेंजर्ड स्पीशीज केवल मेक्सिको में कैलिफोर्निया के गल्फ में पाए जाते हैं. इनकी आबादी के लुप्त होने की सबसे बड़ी वजह है तोतोआबा मछली का शिकार करना. दरअसल विकिता पॉरपॉइज तोतोआबा मछली को खाते हैं. विकिता पॉरपॉइज पर एक स्टडी भी की गई है.
स्टडी में क्या बताया गया: इस स्टडी में इस बात का दावा किया गया है कि विकिता पॉरपॉइज को बचाना संभव है. लेकिन इसके लिए इनके एरिया से गिलनेट्स, जो कि एक भारी सा जाल होता है, को हटाना होगा. आपको बता दें कि इस जाल में बड़ी-बड़ी मछलियों को फंसाने की क्षमता होती है.
कम जेनेटिक वेरिएशन: 'साइंस जर्नल' में छपी एक रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर जैकलीन कहती हैं कि इन जीवों में कम जेनेटिक वेरिएशन होती है. इस जीव को बचाना आसान नहीं है लेकिन नामुमकिन भी नहीं है. इसे बचाने में मेक्सिको की सरकार के डिप्लोमैट्स, स्थानीय लोग, एंवायरमेंटलिस्ट की परेशानियों पर भी ध्यान देना होगा.
स्पीशीज को मौका दिया जाए: डॉक्टर जैकलीन के मुताबिक अगर इस स्पीशीज को मौका दिया जाए और इनकी सुरक्षा की जाए तो अगले 50 सालों में ये अपनी पॉपुलेशन को बढ़ा सकते हैं. इनके डीएनए के जरिए जीने का आंकलन किया गया. इससे इस बात का खुलासा हुआ कि अगर माहौल इनके अनुकूल बना दिया जाए तो इनकी आबादी खत्म होने से बच सकती है.
सर्वाइवल जीन्स मौजूद: डॉक्टर जैकलीन कहती हैं कि इनका बचना सिर्फ और सिर्फ हम इंसानों पर निर्भर करता है. विकिता पॉरपॉइज में सर्वाइवल जीन्स मौजूद हैं. बस इस लुप्त होने की कगार पर पहुंचे जीव को एक मौके की जरूरत है. ये जीव जेनेटिकली कमजोर नहीं है.
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