प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने साथ 157 कलाकृतियां और पुरावशेष ला रहे हैं. इसे भारतीय खजाने की घर वापसी भी कह सकते हैं. क्योंकि ये पहले भारत की ही संपत्ति थी, जिससे चोरी या तस्करी के रूप में अमेरिका लाया गया था. अब वही कलाकृतियां और पुरावशेष इंडिया को वापस कर दी गई हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में कहा कि इनमें से अधिकतर कलाकृतियां व वस्तुएं 11वीं से 14वीं शताब्दी के बीच की हैं. इनमें नटराज, चौबीस तीर्थंकाशी, 12वीं शताब्दी की तीर्थंकासी, विष्णु, शिव के मुखिया, तारा, स्थायी चार सशस्त्र कांस्य विष्णु समेत 157 कलाकृतियां और पुरावशेष शामिल हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने इन कलाकृतियों को लौटाने के लिए अमेरिका का धन्यवाद किया. साथ ही प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चोरी, अवैध व्यापार और सांस्कृतिक वस्तुओं की तस्करी को रोकने के प्रयासों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई.
इन 157 कलाकृतियों व वस्तुओं में 10वीं शताब्दी की बलुआ पत्थर से तैयार की गई डेढ़ मीटर की नक्काशी से लेकर 12वीं शताब्दी की उत्कृष्ट कांसे की 8.5 सेंटीमीटर ऊंची नटराज की मूर्ति शामिल है. ये सभी ऐतिहासिक भी हैं.
इनमें मानवरूपी तांबे की 2000 ईसा पूर्व वस्तु या दूसरी शताब्दी की टैराकोटा का फूलदान है. लगभग 71 प्राचीन कलाकृतियां सांस्कृतिक हैं. वहीं शेष छोटी मूर्तियां हैं जिनका संबंध हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म से है.
यह सभी धातु, पत्थर और टैराकोटा से बनी हैं. कांसे की वस्तुओं में लक्ष्मी नारायण, बुद्ध, विष्णु, शिव-पार्वती और 24 जैन तीर्थंकरों की भंगिमाएं शामिल हैं.
कई अन्य कलाकृतियां भी हैं जिनमें कम लोकप्रिय कनकलामूर्ति, ब्राह्मी और नंदीकेसा शामिल है.
पीएमओ ने कहा कि यह देश की प्राचीन कलाकृतियों व वस्तुओं को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से स्वदेश वापस लाने का केंद्र सरकार के प्रयासों का हिस्सा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) को उनके दादा पी.वी. गोपालन से संबंधित पुरानी नोटिफिकेशन की एक कॉपी भेंट की. इस नोटिफिकेशन में कमला हैरिस के दादा की भारत में सरकारी सेवा के दौरान की जानकारी है.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति के दादा पी.वी. गोपालन एक वरिष्ठ और सम्मानित सरकारी अधिकारी थे जिन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहते हुए कई पदों पर काम किया. उन्होंने उपराष्ट्रपति हैरिस को गुलाबी मीनाकारी शतरंज का सेट भी भेंट किया. इस शतरंज के सेट पर प्रत्येक टुकड़े पर जटिल विवरण से पता चलता है कि यह बेहतरीन दस्तकारी है. चमकीले रंग काशी की जीवंतता को दर्शाते हैं जो दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है.
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