Sleep Disorder: दुनिया रहस्यों (Mystery) से भरी है. यहां अक्सर कुछ न कुछ ऐसा घटित होता है जो हमें सोचने पर मजबूर कर देता है. वैज्ञानिक ऐसी पहेलियों को काफी हद तक सुलझा भी लेते हैं. ऐसा ही एक अजीब मामला 6 साल पहले कजाकिस्तान (Kazakhstan) में देखने को मिला जहां किसी हॉरर (Horror) और सस्पेंस फिल्म की तरह लोगों को साल 2012 से 2015 तक अजब-गजब अनुभव हुए. आइये जानते हैं आखिर इस देश में हुआ क्या था.
कजाकिस्तान (Kazakhstan) के कलाची (Kalachi) में रहने वालों ने लंबे समय तक कुछ ऐसा अनुभव किया जो आमतौर पर फिल्मों (Movies) में देखने को मिलता है. लोगों की जान को खतरा हुआ तो सभी को यहां से निकाला गया फिर ये जगह लंबे समय तक वीरान रही. यहां 160 परिवार रहते थे लेकिन इन्हें न जाने किसकी नजर लग गई.
लोगों ने जब लंबे समय तक मतिभ्रम, चीजों को भूल जाने, हिंसक होने, देर तक सोने (Extended sleep) के साथ यौन इच्छा में वृद्धि (Strong urge to have sex) होने जैसी परेशानियां गिनाईं तो पूरी दुनिया हैरान रह गई. dailymail में प्रकाशित रिपोर्ट्स के मुताबिक, कालाची के लोग 6 दिन तक सोते रहे. यहां बच्चों ने बेड में 'पंखों वाले घोड़े' और सांप दिखने का दावा किया था. तब इस मामले को प्रापर्टी खाली कराने के एंगल से भी जोड़ कर देखा गया था.
कुछ लोगों ने कहा कि इलाका पूर्व सोवियत संघ (USSR) की बंद हो चुकी यूरेनियम खदान (Mine) के पास है इसलिए शायद रेडिएशन की वजह से लोगों को ऐसी परेशानी हुई होगी. वहीं कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा कि ये पानी के जहरीला होने या मास हिस्टीरिया की वजह से हुआ. प्रशासन ने कमेटी बनाकर इलाका खाली करवाया गया. 3 साल बाद साल 2015 में, कजाकिस्तान सरकार ने बयान जारी कर दावा किया कि कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का जहरीला स्तर ही ऐसे अजीबोगरीब घटनाक्रम होने की वजह थी.
यहां इस तरह का सबसे पहला मामला साल 2010 में सामने आया जब कुछ बच्चे अचानक स्कूल में बेसुध होकर सोने लगे थे. इस घटना के बाद आस-पास के इलाकों में भी ऐसी घटनाएं होने लगी. तब जाकर यहां नक्शे के साथ एक रणनीति बनाई गई थी.
लियोनिद रिखवानोव नाम के एक रूसी वैज्ञानिक ने कहा कि बंद पड़ी यूरेनियम खदान से अचनाक निकली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस गांव तक पहुंची और लोग इन रहस्यमयी लक्षणों का शिकार हुए.
कालाची में अब केवल 120 परिवार ही बचे हैं. वे सामान्य रूप से सो रहे हैं. उसके बाद अभी तक ऐसे अजीबोगरीब अनुभव और परेशानी होने का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
इस इलाके को 'Sleepy Hollow' के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि तब यहां अगर कोई सो जाता था तो वो लंबे समय तक नींद से नहीं जागता था. हालांकि ऐसा नहीं है की इस गांव के सभी लोगों के साथ ऐसा हुआ था. यहां के कई लोग ऐसे भी थे जो कहीं भी और कभी भी अचानक सो जाते थे और फिर उठाये भी नहीं उठते थे.
कलाची में करीब 600 लोग रहते थे जिनमें करीब 20 फीसदी इस बीमारी का शिकार रहे. ये लोग बीच सड़क में अचानक सो जाते थे और कई दिनों तक बेसुध पड़े रहते थे. वहीं उठने के बाद इन्हें कुछ समझ नहीं आता की ये कब और कैसे सो गए.
Images credit: (The Siberian Times)
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