दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बम और मिसाइलों में ऐसे चिढ़ाने वाले संदेश खूब लिखे गए थे. मित्र देशों की तरफ से जर्मनी और उसके सहयोगी देशों पर किए जाने वाले हमलों के दौरान बम और मिसाइलों पर उन्हें उकसाने और चिढ़ाने वाले संदेश लिखे जाते थे. अमेरिका और ब्रिटेन के संग्राहलयों में ऐसे कई अवशेष आज भी सुरक्षित रखे गए हैं.
दुश्मन पर दागी जाने वाली मिसाइल की एक और ऐसी मिसाल की बात करें तो केट स्मिथ नाम की एक मशहूर अमेरिकी सिंगर थीं, जिन्होंने अमेरिकी नेवी (American Navy) की पनडुब्बी के टॉरपीडो पर हिटलर के लिए खास पैगाम लिखा था. इस मिसाइल को नाजी जहाजों और पनडुब्बियों पर निशाना लगाना था. इसमें उन्होंने लिखा था कैट की तरफ से हिटलर के लिए.
भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध के दौरान आई खबरों के मुताबिक तब अखबारों और पत्रिकाओं में 'फ्रॉम रवीना टंडन टू नवाज शरीफ' के पैगाम वाले एक बम की तस्वीरें खूब छपीं और उसकी खूब चर्चा हुई थी. हालांकि मीडिया में छपी खबरों को लेकर बाद में एक्ट्रेस रवीना टंडन ने कहा था कि उन्हें उस तस्वीर के बारे में पता है और वो समझ सकतीं हैं कि ऐसी तस्वीर के लिए प्रेरणा क्यों और कैसे मिली होगी.
वैसे एक कहानी यह भी है कि अच्छे दिनों में एक इंटरव्यू में नवाज शरीफ ने रवीना टंडन को अपनी पसंदीदा अभिनेत्री बताया था. करगिल युद्ध के दौरान जब नवाज शरीफ ने भारत के पीठ में छुरा भोंका तब भारत के लड़ाकू विमानों ने 'फ्रॉम रवीना टंडन टू नवाज शरीफ' वाले बम गिरा कर बदला लिया. वैसे तब ऐसे ही एक और बम की तस्वीर सामने आई थी जिस पर लिखा था 'जोर का झटका धीरे से'.
वहीं पेरिस हमलों के बाद ISIS पर पर निशाने साधे रूसी बमों की हिमायत में 'पेरिस के लिए' रूसी रक्षा मंत्रालय ने इसकी तस्वीर खुद शेयर की थी और लिखा, हमारे लोगों के लिए!' पेरिस के लिए. एयरबेस के पायलटों और तकनीशियनों ने एयरमेल के जरिए आतंकवादियों को यह पैगाम भेजा था.
पिछले साल जनवरी महीने में जॉर्डन के पायलट मुआत अल-कासबेह की हत्या कर दी गई थी. इसके तुरंत बाद, जॉर्डन के पायलट्स के जरिए चरमपंथी समूह पर हमला करने के लिए सेट किए गए बमों पर ISIS को नोट लिखते हुए तस्वीरें सामने आईं थीं. जिसमें लिखा था 'इस्लाम का ISIS से कोई लेना-देना नहीं है' और 'आपके लिए, इस्लाम के दुश्मन.'
ऐसे ही एक संदेश के तहत एक मिसाइल पर ये लिखा था किAs per my last email. यानी आखिरी ई-मेल में तुम पर बम गिराने को कहा गया था, इसलिए ये तुम्हारे लिए है.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच वार टैक्टिस (War Tactics) की दुनियाभर में चर्चा हो रही है. युद्ध में दुश्मन देश पर दबाव बनाने के लिए आजकल प्रोपेगेंडा का सहारा लिया जाता है. दो देशों के स्टेट मीडिया यानी सरकारी सूचना प्रसारक एजेंसियां अपने अपने देश का पक्ष दर्शकों के सामने रखती हैं. इसी कड़ी में दुश्मन देश के कंप्यूटर्स और अहम वेबसाइट्स को हैक किया जाता है. वहीं जिस तकनीकि के बारे में यहां आपको जानकारी दी गई उसके तार तो ईसा पूर्व से जुड़े हैं. यानी दुश्मन देश पर गिराए जाने वाली मिसाइल और बमों पर चिढ़ाने वाले संदेश लिखकर एक मानसिक दबाव बनाने की कोशिश होती है.
(सभी फोटो: सोशल मीडिया)
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