काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) के पास गुरुवार को बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया और तालिबान विरोधी नारे लगाए. इस दौरान तालिबानी लड़ाकों द्वारा प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए गोलीबारी भी की गई. वहीं, खोस्त प्रांत में आम लोगों के प्रदर्शन के बाद तालिबान ने 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है. तालिबान के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों में सबसे आगे अफगानी महिलाएं हैं, जो क्रूर शासन से आजादी की मांग कर रही हैं. (फोटो सोर्स: रॉयटर्स)
अफगानिस्तान के Asadabad में स्वतंत्रता दिवस रैली में राष्ट्रीय ध्वज लहराने पर तालिबान के आतंकियों ने भीड़ पर गोली चलाई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि जैसे ही गोली चलाई गई तो लोग दहशत में आ गए और भगदड़ मच गई. इससे पहले भी तालिबान ने गोली मारकर कुछ लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. (फोटो सोर्स: रॉयटर्स)
इससे पहले 17 अगस्त को काबुल में भी महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन किया था. पहले काबुल, फिर असदाबाद और फिर कई अन्य शहर में प्रदर्शन दर्शाता है कि अफगान के लोग तालिबान के शासन के खिलाफ खामोश रहने के मूड में कतई नहीं हैं. असदाबाद में स्वतंत्रता दिवस एक बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला, जिसमें सफेद तालिबान के झंडे फाड़े गए. (फोटो सोर्स: रॉयटर्स)
महिलाओं सहित सैकड़ों प्रदर्शनकारी काबुल में राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए और 'हमारा झंडा, हमारी पहचान' के नारे लगाते हुए एकत्र हुए. इस बीच, तालिबान आतंकियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के प्रयास में कुछ प्रदर्शनकारियों को घेर लिया और हवा में कई राउंड फायरिंग की. (फोटो सोर्स: रॉयटर्स)
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वादा किया था कि वह लोगों को आजादी देगा और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, लेकिन असलियत इससे काफी जुदा है. अलग-अलग इलाकों से तालिबान द्वारा अत्याचार की खबरें आ रही हैं. लोगों को घरों में घुसकर पीटा जा रहा है. हाल ही में कार चोरी के शक में एक व्यक्ति के चेहरे पर डामर लगाकर उसे पूरे शहर में घुमाया गया, महिलाओं से मारपीट की गई.
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