जापान के एक अस्पताल में माइल्ड Covid-19 का इलाज कराने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति को पहले गले में खराश हुई. इसके बाद मरीज की तकलीफ बढ़ती गई. कोरोना संक्रमित 77 वर्षीय बुजुर्ग का इलाज टोक्यो मेडिकल यूनिवर्सिटी में चल रहा है.
(प्रतीकात्मक तस्वीर साभार: Reuters)
डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्ग को कोरोना संक्रमित होने के बाद 'रेस्टलेस एनल सिंड्रोम' की शिकायत हो गई. इस परेशानी के चलते बुजुर्ग को एनल (Anal) में असहनीय दर्द महसूस होने लगा. डॉक्टरों ने इस परेशानी को जानलेवा वायरस के लक्षण के रूप में पहली बार रिपोर्ट किया है.
डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्ग को इसके साथ ही बेचैनी और अनिद्रा की भी शिकायत हो गई. इसकी वजह भी 'रेस्टलेस एनल सिंड्रोम' ही है. सिंड्रोम की वजह से व्यक्कि को बैठने, चलने-फिरने और यहां तक की आराम करने में भी परेशानी हो सकती है. यानी कोरोना के लक्षणों में ये सबसे खतरनाक बीमारी है.
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Daily Star की रिपोर्ट के मुताबिक जापान के डॉ इटारू नाकामुरा ने कहा, 'कोविड -19 संक्रण से पहले, उन्होंने कभी भी एनल में दर्द की शिकायत के मामले नहीं देखे थे.' ताजा मामले में मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी बेचैनी महसूस कर रहा है. हैरानी की बात यह है कि आराम करने के बाद ये समस्या और बढ़ रही है जबकि कोरोना मरीज को ज्यादा आराम की ही सलाह दी जाती है.
डॉक्टरों के मुताबिक एनल पेन आराम करने के साथ बढ़ सकता है लेकिन एक्सरसाइज करने से काफी राहत मिल सकती है. यानी कि नियमित एक्सरसाइज करने वालों को यह समस्या होने के चांस कम हैं. साथ ही इस समस्या में टहलने से भी राहत मिलती है. यह भी कहा गया है कि शाम के वक्त दर्द ज्यादा बढ़ सकता है.
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