अगर दुनिया में परमाणु बम रखने वाले देशों की संख्या की बात की जाए तो उनकी संख्या 8 है. इन देशों के पास करीब 13 हजार परमाणु बम हैं. यह संख्या इतनी बड़ी है कि दुनिया को एक बार नहीं बल्कि कई बार खत्म किया जा सकता है. सबसे ज्यादा करीब 6800 परमाणु बम रूस के पास हैं. उसके बाद अमेरिका का नंबर है. ऐसे में दुनिया के सामने सवाल है कि अगर कभी देशों में न्यूक्लियर हथियारों से जंग शुरू हुई तो वे कौन सी जगह होंगी, जहां पर लोग जाकर अपनी जान बचा सकते हैं. आज हम ऐसे ही स्थानों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.
'द सन' की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर दुनिया में कभी परमाणु जंग हुई तो तमाम देश खत्म हो जाएंगे लेकिन अंटार्कटिका (Antarctica) महाद्वीप बचा रहेगा. इसकी वजह जून, 1961 में हुई वह संधि है, जिसने इस बर्फीले महाद्वीप पर सैन्य गतिविधियों पर रोक लगा दी थी. शुरुआत में इस संधि में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, चिली, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल थे. बाद में ब्राजील, चीन, जर्मनी, उत्तर कोरिया, पोलैंड और भारत समेत दुनिया के तमाम देश भी इस संधि में शामिल हो गए.
रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु जंग में अमेरिका भी दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा लेकिन उसके कोलोराडो (Colorado) में पहाड़ी इलाके पर बना एक सेंटर सुरक्षित सिद्ध होगा. इस पहाड़ के अंदर गुफा बनाकर अमेरिका सेना ने अपना न्यूक्लियर प्रूफ अड्डा बना रखा है. इस गुफा के प्रवेश द्वार पर 25 टन वजन का भारी भरकर दरवाजा लगा है, जिसे परमाणु बम भी नहीं पिघला सकता. इसी परिसर के अंदर North American Aerospace Defense Command (NORAD) और United States Northern Command का हेडक्वार्टर है. अमेरिका ने इस सैन्य अड्डे का निर्माण 1966 में सोवियत संघ के बमवर्षकों, बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु हमले का सामना करने के लिए बनाया गया था.
आइसलैंड (Iceland) उत्तरी ध्रुव पर बसा एक छोटा सा देश है. सालभर बर्फ से ढका रहने वाला आइसलैंड एक तटस्थ देश है, जो दुनिया के विभिन्न देशों में हो रही राजनीति से अपने आपको अलग रखता है. यही वजह है कि दुनिया का कोई भी देश आइसलैंड को अपने दुश्मन मुल्क के रूप में नहीं देखता है. लिहाजा वहां पर भी न्यूक्लियर अटैक होने की बेहद कम संभावना उसे दुनिया का सुरक्षित स्थान बना देती है.
गुआम (Guam) प्रशांत महासागर में बसा एक छोटा सा द्वीपीय देश है. इसकी आबादी केवल 1 लाख 68 हजार है. वहां की सेना में केवल 1300 लोग हैं, जिनमें भी मात्र 280 लोग फुल टाइम एंप्लाई हैं. बाकी अस्थाई हैं. यह देश पूरी तरह टूरिज्म के ऊपर निर्भर है. दुनिया के इस नन्हे से देश को कोई भी अपना दुश्मन मुल्क नहीं मानता है. ऐसे में इस पर भी परमाणु हमला होने की आशंका बेहद कम हो जाती है. जिसके चलते यह भी दुनिया के सुरक्षित क्षेत्रों की सूची में शामिल माना जाता है.
इजरायल (Israel) वैसे तो कई सारे मुस्लिम देशों की आंख में खटकता रहता है और वे उसका वजूद मिटाने की जब-तब धमकी भी देते हैं. इन सबके बावजूद उस पर न्यूक्लियर अटैक की बेहद कम संभावना है. इसकी वजह ये है कि वहां पर इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म के प्राचीन स्मारक मौजूद हैं. जिसे कोई भी मुस्लिम या ईसाई राष्ट्र परमाणु हमला कर खत्म नहीं करना चाहेगा. इसी वजह के चलते यह देश भी परमाणु हथियारों से महफूज रहने वाले देशों की सूची में शामिल है.
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