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Life In Afghanistan: तालिबानी कब्‍जे से पहले ऐसी थी अफगानी नागरिकों की जिंदगी, Photos में देखें तब और अब का फर्क

इस समय पूरी दुनिया (World) की निगाहें अफगानिस्तान (Afghanistan) पर हैं, जो देखते ही देखते आतंक की ऐसी गिरफ्त में आया कि अब लोग जान पर खेलकर भी यहां से निकलने को बेताब हैं. इस समय ने 1996 से 2001 के बीच के तालिबान शासन (Taliban Rule) को जिंदा कर दिया है, जब यहां जिंदगी नरक की तरह होती थी. इस बार भी तालिबान के सत्ता में आते ही कुछ ही दिनों में अफगानिस्‍तान में लोगों (Afghans) की जिंदगी उलट कर रह गई है. तस्‍वीरों के जरिए जानते हैं तालिबान के सत्ता में आने से पहले और बाद की अफगानिस्‍तान की जिंदगी. 

अफगानिस्‍तान में महिलाओं की पहले की स्थिति

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अफगानिस्‍तान में महिलाओं की पहले की स्थिति

पहले इस देश में भी आम देशों की तरह महिलाओं (Women) को बाहर और इधर-उधर, बाजारों में खरीदारी करते, यात्रा करते देखा जा सकता था. वे पढ़ती भी थीं और काम भी करती थीं. 

महिलाओं के मौजूदा हालात

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महिलाओं के मौजूदा हालात

अब बाजारों, सड़कों से महिलाएं नदारद हैं. वे अपने घरों में कैद हैं. तालिबानियों ने बिना पुरुष रिश्‍तेदारों के उनके घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालिया खबरों के मुताबिक महिलाओं तालिबानियों ने उन्‍हें नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया. इतना ही नहीं तालिबानी लड़ाकों ने दक्षिणी शहर कंधार में अजीजी बैंक के दफ्तर में घुस कर वहां काम करने वाली 9 महिलाओं को तत्‍काल वहां से जाने के लिए कह दिया था. 

पहले के बाजार

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पहले के बाजार

पहले यहां के शहर भी जिंदगी से भरपूर थे. खुशियों भरा माहौल था, खास मौकों पर बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती थी. 

अब सुनसान हैं बाजार

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अब सुनसान हैं बाजार

अब तो यहां दहशत का माहौल है. रुक-रुक कर आती गोलियों की आवाजें ही यहां का सन्‍नाटा तोड़ती हैं. लोग या तो भाग रहे हैं या डर के कारण घरों में दुबके हैं. 

हवाई अड्डे

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हवाई अड्डे

पहले हवाई अड्डे केवल यात्रा शुरू करने और खत्‍म करने की ही जगह थे. लोग खुशी-खुशी ट्रैवल करते थे.

शरणगाह बने हवाई अड्डे

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शरणगाह बने हवाई अड्डे

अफगानिस्‍तान में अब हवाई अड्डे ही लोगों के लिए आखिरी आशा की किरण हैं. वे यहां पर इन इरादों से पड़ाव डाले हुए हैं कि किसी तरह उन्‍हें इस देश से निकलने का मौका मिले. इसके लिए वे हवाई जहाजों से लटक कर यात्रा करने को भी तैयार हैं, फिर चाहे उन्‍हें अपनी जान से हाथ क्‍यों न धोना पड़े. 

पहले दुकानों में लगे होते थे विज्ञापन-पोस्टर

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पहले दुकानों में लगे होते थे विज्ञापन-पोस्टर

बाकी देशों की तरह अफगानिस्‍तान की दुकानें भी आकर्षक रंगीन पोस्‍टरों और पोस्‍टरों से सजी रहती थीं और ग्राहकों को आकर्षित करती थीं. 

अब हटाए गए विज्ञापन और पोस्टर

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अब हटाए गए विज्ञापन और पोस्टर

तालिबानी शासन आते ही महिलाओं की तस्‍वीरों वाले विज्ञापन और पोस्टरों को हटाया जा रहा है. उन पर कलर करके उन्‍हें छिपाया जा रहा है. ताकि इन पोस्‍टरों के कारण दुकानदारों को तालिबानियों का कहर न झेलना पड़े.  

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