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रूस के तट के पास आर्कटिक सागर के अप्रत्याशित रूप से समय से पहले जम जाने के कारण वहां करीब 18 मालवाहक जहाज (कंटेनर) फंस गए हैं.
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मास्को टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातक जहाज लाप्टेव सागर और पूर्वी साइबेरियाई सागरों में 30 सेंटीमीटर मोटी बर्फ बनने की वजह से फंसे है. इस बीच रूस ने हालात संभालने के लिए मदद भेजी है.
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खबरों के मुताबिक कुछ जहाज कई दिन से फंसे हैं. ऐसे में वहां खाने पीने के संकट के साथ दवाइयों को भी पहुंचाया गया है. रूस ने रूट सामान्य कराने के लिए फिलहाल दो खास आइसब्रेकर (Icebreakers) भेजे हैं जिनके साथ दो ऑयल टैंकर (Oil Tankers) और कार्गो बोट्स (Cargo Boats) भी शामिल हैं. रूट सामान्य करने के काम में लगातार बिगड़ रहा मौसम बड़ी रुकावट डाल रहा है इसलिए यहां युद्धस्तर पर काम हो रहा है.
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इस सागर का जमना यूं तो एक सामान्य प्रकिया है. इस बार समय से पहले और अप्रत्याशित रूप से इसके जमने की वजह से पुराने अनुमान काम नहीं आए. कहा जा रहा है कि इन जहाजों में करोड़ों-अरबों का सामान भरा है.
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चूंकि समुद्री रूट में गलती करने की गुंजाइश नहीं होती है. ऐसे में अप्रत्याशित रूप से सागर के जमने की वजह से बड़े नुकसान का अनुमान लगाया गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर रूट सामान्य करने के काम में और तेजी नहीं आई तो ये जहाज कई महीनों तक यूं ही फंसे रह सकते हैं.
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