द सन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के कोलोन (Cologne) की रहने वाली 24 साल की बेजा डोगन (Beyza Dogan) मेनिंगोकोकल मेनिंजाइटिस से संक्रमित (Meningitis Infection) हुई थीं. इसके बाद उनकी किडनी पूरी तरह खराब हो गई और दोनों हाथों के अलावा पैर भी काटने पड़े. (फोटो सोर्स- द सन)
2 साल पहले बेजा डोगन (Beyza Dogan) की मां मिहरीबन डोगन ने किडनी दान में दी थी, जिनकी उम्र करीब 54 साल है. इसके बाद बेजा की जान बच सकी, लेकिन संक्रमण की वजह से उनके हाथ और पैर खराब हो गए थे, जिन्हें अलग करना पड़ा. (फोटो सोर्स- द सन)
मेनिंगोकोकल मेनिंजाइटिस एक संक्रामक बीमारी है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर रहने वाली पतली झिल्ली के गंभीर संक्रमण मेनिंजाइटिस (दिमागी बुखार) का एक बैक्टीरियल रूप है. मेनिंगोकोकल बीमारी नीसेरिया मेनिंजाइटिडिस बैक्टीरिया की वजह से होती है और इससे मेनिंजाइटिस या खून की नलियों का इन्फेक्शन सेप्टीसीमिया हो सकता है. इस बीमारी में मृत्यु की दर काफी ऊंची है और यदि लोग इस बीमारी से बच भी जाते हैं, तो उनमें से अधिकांश को अंग कटने, घाव, बहरापन या दिमाग को नुकसान जैसी गंभीर जटिलताओं के साथ जीना पड़ सकता है. (फोटो सोर्स- द सन)
खतरनाक बीमारी से जान बचने के बाद बेजा डोगन (Beyza Dogan) ने आर्म ट्रांसप्लांट पर रिसर्च करना शुरू किया और इसके लिए वह जर्मनी से तुर्की के अंताल्या (Antalya) चली गईं, जहां उन्हें एक सर्जन मिला जो इस प्रक्रिया को करने के लिए तैयार था. (फोटो सोर्स- द सन)
अकडेनिज यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन में लेक्चरर प्रोफेसर ओमर ओजकान ने बताया कि अगर सही डोनर मिल जाता है तो बेजा डोगन (Beyza Dogan) के ट्रांसप्लांट में कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए बेजा को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि तुर्की के ऑर्गन ट्रांसप्लांट केंद्र में पहले से ही 43 रोगी डबल आर्म ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा कर रहे हैं. (फोटो सोर्स- द सन)
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