लोगों का कहना है कि ऐसे लोग समाज पर कलंक हैं, क्योंकि उन्होंने किसी वास्तविक पीड़ित को मदद नहीं पहुंचने दी और झूठ बोलकर उन्होंने सरकारी संपत्ति पर सालों तक कब्जा बनाए रखा.
लीड्स: यूनाइटेड किंगडम में दो बहनों ने सरकारी सुविधाएं हासिल करने के मकसद से न सिर्फ झूठ बोला, बल्कि सरकारी घर पर भी सालों तक कब्जा जमा कर रखा. दरसअल, जिन लोगों के पास रहने का घर नहीं है और वो घरेलू हिंसा जैसी समझाएं झेल रहे हों, उन्हें ब्रिटिश काउंसिल की तरफ से सर पर छत मुहैया कराई जाती है
इन दो लडकियों के नाम हन्नाह रफीक और आएशा रफीक है. दोनों लीड्स में अपने परिवार के साथ रहती हैं. उन्होंने साल 2013 में ब्रिटिश काउंसिल से अपील की कि उनकी मां ने उन्हें घर से निकाल दिया है और वो अब बेघर हो चुकी हैं. उन्हें डर है कि परिवार की तरफ से उनकी हत्या तक करवाई जा सकती है.
डेली मेल की खबर के मुताबिक, उनकी अपील के बाद ब्रिटिश काउंसिल ने उन्हें 3 बीएचके का घर दे दिया. लेकिन अब उन्होंने एक चिट्ठी लिख न सिर्फ ब्रिटिश काउंसिल से माफी मांगी है, बल्कि आम लोगों से भी माफी मांगी है कि उनकी वजह से नुकसान हुआ, क्योंकि जिस घर को उनके लिए अलॉट किया गया था, वो किसी असली पीड़ित के काम आ सकता था.
जांच में खुलासा हुआ कि आएशा और हन्नाह ब्रिटिश काउंसिल की तरफ से मिले घर में कभी गई ही नहीं. वो अपनी मां के साथ उनके ही घर में रहती थी और सालों से उनके साथ कोई अप्रिय घटना नहीं घटी.
उनके इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों का कहना है कि ऐसे लोग समाज पर कलंक हैं, क्योंकि उन्होंने किसी वास्तविक पीड़ित को मदद नहीं पहुंचने दी और झूठ बोलकर उन्होंने सरकारी संपत्ति पर सालों तक कब्जा बनाए रखा. जबकि उसका उन्होंने कोई उपयोग नहीं किया.
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