उन्होंने निराशा भी जताई कि इतनी मेहनत के बाद भी उन्हें अपने बेटे के साथ समय बिताने का मौका नहीं मिला. ये पूरी कहानी उन्होंने द सन अखबार के साथ साझा की.
लंदन: ब्रिटिशर्स को लॉकडाउन से आजादी मिलती दिख रही है. देश के बड़े हिस्से में वैक्सीनेशन हो चुका है. कुछ जगहों पर कोरोना के नए वैरिएंट की वजह से दिक्कतें भी हो रही हैं. हालांकि ज्यादातर हिस्सों में सामान्य जीवन शुरू हो चुका है. पब खुल गए हैं, बार खुल गए हैं. होटल खुल गए हैं. और लोग भी अपनी छुट्टियां मनाना शुरू कर चुके हैं. आखिर उन्हें सवा साल लंबी कैद से आजादी जो मिली. लेकिन इसी के साथ लोगों के सामने नई मुश्किलें भी खड़ी हो गई हैं.
जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन के अंदर जो भी खास जगहों टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर पहचाने जाते हैं, उन जगहों पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो रही है. कुछ ऐसा ही हुआ पॉल हेंडरसन नाम के व्यक्ति के साथ. जो अपने बेटे को लेकर 130 मील दूर कार चलाकर पहुंचे. उनका इरादा था कि वो बाप-बेटे बैंक हॉलीडे को एंजॉय करेंगे. लेकिन होटल तक पहुंचने के बाद उन्हें बड़ी झटका लगा.
पॉल हेंडरसन ने बताया कि उन्होंने होटल रूम के लिए बाकायदा लाइन तक लगाई, वो भी पूरे 12 घंटों तक. इसके बाद भी उन्हें रूम नहीं मिल सका. जिसके बाद झुंझलाहट में वो फिर से वापस 130 मील गाड़ी चलाकर अपने घर आ गए.
पॉल हेंडरसन ने बताया कि होटल में काफी सारे ऐसे लोग थे, जिन्होंने पहले से बुकिंग कराई थी और उन्हें अपने रिफंड के लिए स्टाफ से झगड़ा तक करना पड़ रहा था. हेंडरसन ने कहा कि उन्होंने स्काबोरो ग्रैंड होटल में कमरा बुक कराया था. लेकिन न तो उन्हें कमरा मिला और न ही उनके पैसे वापस मिले.
पॉल हेंडरसन ने कहा कि वो अपने पैसे वापस पाने के लिए अदालती कार्रवाई का सहारा लेंगे. साथ ही उन्होंने निराशा भी जताई कि इतनी मेहनत के बाद भी उन्हें अपने बेटे के साथ समय बिताने का मौका नहीं मिला. ये पूरी कहानी उन्होंने द सन अखबार के साथ साझा की. जिसने ब्रिटानिया कंपनी के कर्ताधर्ताओं से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल सका. स्काबोरो ग्रैंड होटल का मालिकाना हक इसी कंपनी के पास है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़