World's Most Inhumane Prison Gitarama: अफ्रीका (Africa) महाद्वीप के रवांडा (Rwanda) में Gitarama नामक एक ऐसी जेल है, जहां अपराधी भी जाने से कांपते हैं. इस जेल में जरूरत से कई गुना ज्यादा कैदी भरे हुए हैं. यहां रोजाना कम से कम 6 कैदियों की मौत हो जाती है. आलम ये है कि कई कैदियों को टॉयेलट में सोना पड़ता है. उनके लिए ना ढंग के खाने की व्यवस्था है और ना ही सोने की. यहां भुखमरी से ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि अगर कोई कैदी मर जाए तो अन्य कैदी उसके शव को खा जाते हैं. इससे भी खौफनाक ये है कि जब खाने को कुछ नहीं मिलता तो कैदी जिंदा आदमी के मांस को उसके शरीर से खाने के लिए नोंच लेते हैं.
डेली स्टार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, Gitarama जेल को सबसे भयानक जेल माना जाता है. कुछ लोगों का तो ये भी कहना है कि Gitarama जेल नरक जैसी है. इस जेल की बिल्डिंग को साल 1960 में बिट्रिश श्रमिकों के आराम के लिए बनाया गया था और बाद में इसे 400 कैदियों को रखने के लिए जेल के रूप में बदल दिया गया था. Gitarama जेल में इस वक्त 7 हजार से ज्यादा कैदी बंद हैं. यह आंकड़ा 1990 के दशक के मध्य में 50 हजार तक पहुंच गया था जब रवांडा में भीषण नरसंहार हुआ था.
बता दें कि रवांडा की Gitarama जेल का हाल इतना बुरा है कि जिस कैदी को जहां जगह मिल जाती है वह वहीं सोने के लिए मजबूर हो जाता है. एक छोटे से बैरक में क्षमता से कई गुना ज्यादा कैदी भरे रहते हैं. इसके अलावा कुछ कैदियों को तो टॉयलेट में सोना पड़ता है. इससे कई कैदी बीमार भी हो जाते हैं. Gitarama जेल प्रशासन सभी कैदियों को इलाज की सुविधा भी उपलब्ध नहीं करवा पाता है. हर अपराधी यही सोचता है कि कुछ भी हो जाए उसे Gitarama जेल नहीं जाना पड़े.
गौरतलब है कि Gitarama जेल का माहौल बहुत ही खतरनाक है. यहां कैदियों को हर दिन बहुत कम मात्रा में खाना दिया जाता है. जेल में ज्यादा कैदी होने की वजह से अक्सर मारपीट हो जाती है. ऐसा माना जाता है कि जब भी झगड़े में किसी कैदी की मौत हो जाती है तो भूख मिटाने के लिए दूसरे कैदी उसका मांस खा जाते हैं. इतना ही नहीं अगर कैदियों को खाने को नहीं मिलता तो कई बार वो जिंदा आदमी का मांस भी उसके शरीर से नोंचकर खा जाते हैं.
जान लें कि यहां की बड़ी समस्याओं में भूख के अलावा बीमारियां भी शामिल हैं. जेल में गंदगी बहुत है, इससे बड़ी संख्या में कैदी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति की ब्रिगिट ट्रॉयन Gitarama जेल में बंद कैदियों के इलाज में मदद करती है. उनका अनुमान है कि Gitarama जेल में रोजाना कम से कम 6 कैदियों की मौत हो जाती है. बीमार कैदियों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. यहां की स्थिति चिंताजनक है.
कैदियों को अक्सर मेडिकल हेल्प चाहिए होती है. इसमें 38 प्रतिशत ऐसे कैदियों को अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है जिनको पिटाई, हड्डियां टूटने और काटने से चोट लगी होती है. इसके अलावा 41 फीसदी केस ऐसे होते हैं, जिनमें नंगे पैर जमीन पर बिखरे मल पर खड़े होने के कारण पैर सड़ जाते हैं. वहीं, कई कैदियों के पैरों में गैंग्रीन (Gangrene) हो गया है. यहां कैदियों की पैरों की उंगलियों का सड़ जाना आम है.
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