PM Nawaz Sharif: आप सबने एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी, 'जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का' जी हां, इन दिनों यह कहावत पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ और उनके परिवार पर फिट बैट रही है. आइए जानते हैं पूरा मामला.
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Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दोनों बेटों की 6 साल बाद वतन वापसी हुई है, और यह तभी संभव हुआ है, जब चाचा शहबाज शरीफ पाकिस्तान के पीएम बन गए हैं, वरना पुलिस उनको खोज ही रही थी. गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों बेटे लंदन भाग गए थे.
बेटे पनामा पेपर घोटाले
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के बेटे पनामा पेपर घोटाले (Panama Paper Scam) में भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए लंदन जाने के छह साल बाद पाकिस्तान लौट आए हैं. उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच लाहौर के उनके जाती उमरा आवास पर ले जाया गया.
2018 में देश छोड़ दिया
हसन नवाज और हुसैन नवाज का नाम 2016 में पनामा पेपर घाटाले में आया था. जिसके बाद दोनों ने 2018 में देश छोड़ दिया था. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. जिसे एक जवाबदेही अदालत ने हाल ही में रद्द कर दिया.
गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट
जवाबदेही अदालत ने 2018 में एवेनफील्ड मामले में दोनों को भगोड़ा अपराधी घोषित किया था. उनके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. एवेनफील्ड मामल शरीफ परिवार के स्वामित्व और लंदन में लग्जरी अपार्टमेंट के अधिग्रहण से जुड़ा है.
सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी ने एक बयान में कहा, नवाज के बेटे मंगलवार को लंदन से यहां पहुंचे. उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच लाहौर के उनके जाती उमरा आवास पर ले जाया गया. नवाज शरीफ पीएमएल-एन के प्रमुख हैं.
जाती उमरा आवास
शरीफ परिवार के जाती उमरा आवास को पहले ही मुख्यमंत्री आवास घोषित किया जा चुका है, जहां पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज औऱ उनके पिता नवाज शरीफ की सुरक्षा और प्रोटोकॉल के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
नवाज के बेटे हुसैन और हसन ने अपने वकील के जरिए इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने एवेनफील्ड अपार्टमेंट, अल-अजीजिया और अन्य मामलों में उनके खिलाफ जारी वारंट को रद्द करने की मांग की थी. जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था.
हुसैन और हसन को अभी भी अदालतों का सामना करना है
अदालत ने पिछले हफ्ते पनामा पेपर से जुड़े भ्रष्टाचार के तीन मामलों में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट 14 मार्च तक रद्द कर दिया था. हुसैन और हसन दोनों ब्रिटिश नागरिक हैं. दोनों को 2018 में उनके पिता नवाज शरीफ, बहन मरियम नवाज और उनके पति मुहम्मद सफदर के साथ अलग-अलग मामलों में फंसाया गया था.
नवाज शरीफ सहित सभी आरोपियों को सभी मामलों में बरी किया जा चुका है और केवल हुसैन और हसन को अभी भी अदालतों का सामना करना है. अपने पिता की तरह दोनों भाइयों के सभी तीन मामलों में बरी होने की संभावना है. दरअसल, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है. एनएबी ने ही उनके खिलाफ ये मामले दर्ज किए थे.