Syrian christmas tree: सीरिया में तख्तापलट के बाद विद्रोहियों का शासन है और वे अल्पसंख्यकों के मामले में बांग्लादेश के रास्ते पर चल रहे हैं. क्रिसमस से पहले कट्टरपंथियों ने क्रिसमस ट्री जला दिया.
Trending Photos
Protests in Syria: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरी और उन्हें देश छोड़ना पड़ा तो उसके बाद वहां हिंदुओं पर अत्याचार शुरू हो गए. हिंदुओं को निशाना बनाकर हमले किए गए. हिंदु संत को बिना अपराध जेल में डाल दिया गया और उनकी जमानत की कई याचिकाएं खारिज कर दीं. सीरिया में तख्तापलट के बाद बांग्लादेश जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं. सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशरबशर अल-असद रूस में शरण लिए हुए हैं. वहीं अब कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं. क्रिसमस से पहले कट्टरपंथियों ने एक क्रिसमस ट्री जला दिया.
यह भी पढ़ें: बेहद मॉडर्न हैं पैगंबर के वंशज की रानी, शरणार्थी बनकर आईं थीं देश, अब जाने की कगार पर इनकी सत्ता
सीरिया की सड़कों पर उतरे ईसाई
कट्टरपंथियों द्वारा मध्य सीरिया के ईसाई बहुल शहर सुकायलाबिया में क्रिसमस ट्री जलाने के बाद सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईसाई धर्म से जुड़े हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं. क्रिसमस से पहले हुई इस घटना ने ईसाई धर्मावलंबियों में उनके सीरिया में भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है.
यह भी पढ़ें: 50 रुपए किलो में भारत से गोबर खरीद रहे ये देश, दिनोंदिन बढ़ रही डिमांड, जानें वजह
अपराधियों को सजा देने की खाई कसम
क्रिसमस ट्री जलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके साथ ही सीरियाई विद्रोही बैकफुट पर आ गए हैं. एक अन्य वीडियो में एक ईसाई पादरी के बगल में एक विद्रोही खड़ा है अपराधियों को सजा देने की कसम खा रहा था. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अज्ञात विद्रोही ने विरोध करने वाले समूह से कहा है कि अगली सुबह तक आप पेड़ को पूरी तरह से ठीक देखेंगे.”
यह भी पढ़ें: भारत को वो पड़ोसी देश जिसमें रहते हैं कई हजार मुस्लिम पर नहीं है एक भी मस्जिद, नमाज अदा करने....
साथ ही सीरिया के कई शहरों पर नियंत्रण करने वाले एचटीएस संगठन ने देश में फिर से शांति बहाल करने और धार्मिक व जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की कसम खाई है. उन्होंने कहा है कि अल्पसंख्य अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र होंगे.
क्रिसमस पर डर का माहौल
क्रिसमस ट्री जलाने की घटना के बाद सीरिया में रह रहे ईसाइयों में डर का माहौल है. वे डर और अनिश्चितता के माहौल में क्रिसमस मनाने को मजबूर हैं.