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नई दिल्ली: विस्तारवादी चीन से निपटने के लिए बना क्वॉड (QUAD) धीरे-धीरे संगठित रूप लेता जा रहा है. चारों देशों के शासनाध्यक्षों की शुक्रवार शाम को पहली डिजिटल शिखर वार्ता हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल हुए.
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शिखर वार्ता में कहा कि हमें कोरोना वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों को कवर करके क्वॉड को मजबूत बनाना है. उन्होंने कहा कि क्वॉड (QUAD) अब धीरे-धीरे परिपक्व हो गया है और हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) इलाके की स्थिरता का अहम बिंदु बन गया है. उन्होंने कहा, 'मैं इस सकारात्मक दृष्टि को भारत के प्राचीन दर्शन 'वसुधैव कुटुम्बकम' के विस्तार के रूप में देखता हूं. यह दृष्टि जो दुनिया को एक परिवार के रूप में मानती है. हम साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने और धर्मनिरपेक्ष, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे.'
Quad has come of age and will remain an important pillar of stability in the Indo-Pacific region: PM Modi during First Quad Leaders’ Virtual Summit pic.twitter.com/j5JQdEy8dL
— ANI (@ANI) March 12, 2021
सम्मेलन की शुरुआत करते हुए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने नमस्ते, गुड मॉर्निंग कहकर सभी का अभिवादन किया. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर देखकर कहा कि आपको लंबे समय के बाद देखकर अच्छा लगा. जापान के पीएम को छोड़कर बाकी सभी लीडर ने अपनी बात इंग्लिश में रखी. वहीं जापानी पीएम सुगा ने अपनी मातृभाषा में बात रखी.
Quad has come of age and will remain an important pillar of stability in the Indo-Pacific region: PM Modi during First Quad Leaders’ Virtual Summit pic.twitter.com/j5JQdEy8dL
— ANI (@ANI) March 12, 2021
जो बाइडेन ने कहा कि आपसी सहयोग को बढ़ाने में ‘क्वाड’ एक नया तंत्र बनकर उभरा है. उन्होंने चीन के स्पष्ट संदर्भ में कहा, ‘हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जानते हैं. हमारा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा संचालित है. हम सभी सार्वभौमिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है और किसी दबाव से मुक्त हैं. मैं हमारी संभावना के बारे में आशावादी हूं.’बाइडन ने कहा, ‘क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होने जा रहा है और मैं आने वाले वर्षों में आप सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।’’
इससे पहले चीन ने एक बयान जारी करके कहा था कि क्वॉड (QUAD) शिखर सम्मेलन देशों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग आपसी समझ पर आधारित होना चाहिए न कि तीसरे पक्ष को ‘निशाना’ बनाने के लिए. चीन ने यह भी कहा कि क्वॉड को एक विशेष समूह बनाने से बचना चाहिए. क्वॉड (QUAD) सम्मेलन पर चीन की प्रतिक्रिया पूछने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘देशों के बीच आदान प्रदान और सहयोग आपसी समझ और भरोसे को बढ़ाने में योगदान के लिए होना चाहिए. इसके बजाय तीसरे पक्ष को निशाना बनाने या तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.’
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झाओ लिजियान ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित देश खुलेपन, समावेशी और सभी के लिए लाभदायक के सिद्धांत को कायम रखेंगे. वे विशेष समूह बनाने से बचेंगे और ऐसे कार्य करेंगे जो क्षेत्रीय शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के हित में हो.’
इसका मतलब 'क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग' है. यह भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक बहुपक्षीय समझौता है. ये संगठन मूल रूप से एशिया-प्रशांत स्तर पर काम कर रहा है. इसका मकसद क्षेत्र में शांति की बहाली करना और संतुलन बनाए रखना है. वर्ष 2007 में जापान के तत्कालीन पीएम शिंजो आबे ने QUAD का प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव का भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन किया था. वर्ष 2019 में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. इसके बाद चारों देशों के टॉप नेताओं के बीच शुक्रवार को पहले शिखर सम्मेलन का वर्चुअल आयोजन हुआ. (एजेंसी इनपुट)
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