फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बोले, इराक-कुर्द संकट सुलझाने के लिए मध्यस्थता को तैयार
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बोले, इराक-कुर्द संकट सुलझाने के लिए मध्यस्थता को तैयार

मैक्रों ने कहा, "अगर इराकी अधिकारी चाहें तो फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता में सक्रिय योगदान के लिए तैयार है."

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों. (फाइल फोटो)

पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को इराक और अर्बिल (कुर्दिस्तान) के बीच जारी राजनीतिक संकट सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दिया और दोनों पक्षों से जल्द ही बातचीत शुरू करने का आग्रह किया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मैक्रों ने कहा, "कुर्दिस्तान की स्थिति को लेकर फ्रांस हमेशा से बेहद संवेदनशील और चिंतित रहा है. लेकिन हम इराक की स्थिरता, क्षेत्रीय अखंडता चाहते हैं और देश (इराक) में मजबूत राज्य चाहते हैं." उन्होंने कहा, "आगामी हफ्तों और महीनों में वार्ता शुरू करना बेहद जरूरी है, जो इराक के संविधान के ढांचे और कुर्दो के अधिकारों को मान्यता देते हुए एकता, अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करे."

  1. ईरान ने कुर्दिस्तान के साथ ईंधन उत्पादों के आयात और निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
  2. ईरान, इराकी कुर्दो की आजादी के बिल्कुल खिलाफ है.
  3.  ईरान स्वायत्तशासी क्षेत्र कुर्दिस्तान को मुख्य तौर पर गैस ऑयल का निर्यात करता है.

मैक्रों ने कहा, "अगर इराकी अधिकारी चाहें तो फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता में सक्रिय योगदान के लिए तैयार है." फ्रांस के दौरे पर आए इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इराकी अधिकारियों से राष्ट्रीय समाधान के जरिए समावेशी सरकार की स्थापना का आह्वान किया, जो देश (इराक) के कुर्दों सहित इराकी समाज के सभी घटकों की आकांक्षाओं को पूरा करे. अबादी ने कहा कि वह, "कुर्दों सहित सभी नागरिकों की आकांक्षाओं का सम्मान करेंगे." उन्होंने कुर्दिस्तान के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया. इराकी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह संघर्ष नहीं चाहते हैं, हालांकि संघीय प्रशासन प्रबल होना चाहिए और कोई भी इसका उल्लंघन नहीं कर सकता.

गौरतलब है कि इराकी कुर्दों ने 25 सितम्बर को स्वतंत्रता के लिए जनमतसंग्रह में मतदान कराया था, जिसे इराक ने अवैध करार देते हुए चेतावनी दी थी कि इस तरह का कदम देश में तनाव को बढ़ावा दे सकता है, जहां सुरक्षा बल अभी भी सीरिया की सीमा के पास इस्लामिक स्टेट (आईएस) से लड़ रहे हैं. इस बीच फ्रांस ने कहा है कि इराक को वह तब तक अपनी सैन्य सहायता देता रहेगा, जब तक कि ऐसा करना जरूरी है और आईएस पूरी तरह से परास्त नहीं हो जाता.

ईरान ने इराकी कुर्दिस्तान के साथ ईंधन व्यापार पर लगाया बैन, कच्चे तेलों पर लगा चुका है रोक

ईरान ने इराक के कुर्दिस्तान की आजादी के विवादास्पद जनमत संग्रह की प्रतिक्रिया स्वरूप कुर्दिस्तान के साथ ईंधन उत्पादों के आयात और निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इराकी कुर्दों ने सोमवार (25 अक्टूबर) को हुए गैर बाध्यकारी जनमत संग्रह में आजादी के पक्ष में बढ़-चढ़कर मतदान किया था. ईरान, इराकी कुर्दो की आजादी के बिल्कुल खिलाफ है. उसे डर है कि इससे उसकी अपनी कुर्दिश आबादी में अलगाववादियों को बल मिलेगा.

आईआरआईबी ने नेशनल ऑयल कंपनी के आंकड़ों के हवाले से कहा है कि ईरान स्वायत्तशासी क्षेत्र कुर्दिस्तान को मुख्य तौर पर गैस ऑयल का निर्यात करता है. कुर्दिस्तान ने पिछले साल ईरान से 11 करोड़ लीटर गैस ऑयल का आयात किया था. आईआरआईबी के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच कुल पांच अरब डॉलर का वार्षिक व्यापार होता है.

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