खत्म होने की कगार पर हैं दुनिया के ये धर्म! भविष्य में नहीं बचेगा कोई नाम लेने वाला
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खत्म होने की कगार पर हैं दुनिया के ये धर्म! भविष्य में नहीं बचेगा कोई नाम लेने वाला

 List of Extinct Religions: कुछ धर्म ऐसे हैं, जिनको मानने वालों की तादाद बेहद कम बची है. लिहाजा भविष्य में इन धर्मों को मानने वाला कोई नहीं होगा. यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि इनकी घटती आबादी ही इनकी बदहाली की कहानी बयां कर रही है.

खत्म होने की कगार पर हैं दुनिया के ये धर्म! भविष्य में नहीं बचेगा कोई नाम लेने वाला

Religions on Verge of Extinction: वक्त-वक्त पर अकसर रिपोर्ट्स आती रहती हैं कि साल 2060 में इस धर्म की आबादी इतनी पहुंच जाएगी या इस धर्म की आबादी घट जाएगी. प्यू रिसर्च के मुताबिक मुसलमानों की जनसंख्या 2030 तक 2.2 बिलियन तक पहुंच जाएगी, जबकि 2050 तक 2.8 बिलियन हो जाएगी. विश्व में फिलहाल सबसे ज्यादा आबादी ईसाई धर्म को मानने वालों की है. इसके बाद इस्लाम और फिर हिंदू धर्म आता है. लेकिन आज हम आपको उन धर्मों के बारे में बता रहे हैं, जो खत्म होने की कगार पर हैं. 

जी हां! सही पढ़ा आपने. ये धर्म ऐसे हैं, जिनको मानने वालों की तादाद बेहद कम बची है. लिहाजा भविष्य में इन धर्मों को मानने वाला कोई नहीं होगा. यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि इनकी घटती आबादी ही इनकी बदहाली की कहानी बयां कर रही है.

किस धर्म की कितनी आबादी?

पहले बात करते हैं कि किस धर्म की आबादी दुनिया में कितनी है. ईसाई धर्म को मानने वालों की तादाद 2.63 बिलियन है. यानी इस धर्म को मानने वाले अनुयायी सबसे ज्यादा हैं. इसके बाद आता है मुसलमानों का नंबर, जिनकी आबादी है 1.907 बिलियन है. पिछले 100 वर्षों में मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ी है. यह दुनिया की आबादी का 24.9 फीसदी है. 

इसके बाद आता है हिंदुओं का नंबर, जिनकी आबादी है 1.152 बिलियन. यह दुनिया की आबादी का 15.1 फीसदी है. दुनिया में सबसे ज्यादा हिंदू भारत में रहते हैं. इसके बाद नेपाल और बांग्लादेश का नंबर है.

इन धर्मों पर लटकी है खतरे की तलवार

अब दुनिया में जिन दो धर्मों की आबादी काफी तेजी से घट रही है, उसमें पहला है पारसी धर्म और दूसरे हैं यजीदी. पहले बात पारसी धर्म की. न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक,भारत में साल 1941 में पारसी धर्म को मानने वालों की तादाद 1,14,000 थी. 

लेकिन कुछ अनुमानों के मुताबिक यह आबादी अब 50 हजार के करीब है. पारसी धर्म की आबादी इतनी तेजी से गिरी है कि भारत को उनकी जनसंख्या बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने पड़े हैं. अल्पसंख्यक मंत्रालय के मुताबिक, साल 2001 में पारसी समुदाय की आबादी 69,601 थी, जो 2011 आते-आते 57,264 रह गई. 

सरकार दे रही सहायता लेकिन...

पारसी धर्म के लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए सरकार इंटेंसिव तक दे रही है. मुंबई में सबसे ज्यादा पारसी रहते हैं और इनमें से शायद ही किसी की उम्र 50 से कम हो. स्थानीय नेताओं के मुताबिक मुंबई में हर साल 750 पारसियों की मौत होती है जबकि 150 पारसी बच्चे ही जन्म लेते हैं.  

आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में फिलहाल 1 लाख से 2 लाख पारसी हैं. जबकि 1 हजार पाकिस्तान में हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि साल 2050 तक पारसियों की आबादी महज 40 हजार रह जाएगी. अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो हो सकता है भविष्य में दुनिया में एक भी पारसी ना बचे.

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यजीदी धर्म के लोगों ने झेली है भयंकर यातनाएं

अब बात करते हैं यजीदियों की. ये कुर्दिश धार्मिक अल्पसंख्यक हैं, जो नॉर्दन इराक, दक्षिणपूर्व तुर्की और उत्तरी सीरिया के अलावा ईरान के कुछ हिस्सों में रहते हैं. इनकी आबादी पूरी दुनिया में 2 लाख से लेकर 8 लाख के बीच है. 

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का कहर यजीदियों पर जमकर टूटा और माना जाता है कि उन्होंने यजीदी पुरुषों का बड़े स्तर पर कत्ल किया और महिलाओं को भयानक यातनाएं दीं. 

ऑस्ट्रेलिया के ट्रांसकल्चर मेंटल हेल्थ सेंटर के मुताबिक, इसके बाद यजीदी दुनिया के अलग-अलग कोनों में चले गए. यूरोप में करीब 1,20,000 यजीदी शरण मांग रहे हैं. साल 2016 तक ऑस्ट्रेलिया में 700 यजीदी रह रहे थे. ऐसे में यजीदी धर्म पर भी खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है. 

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