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Russia Ukraine Conflict: क्या रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया है? रूस ने सोमवार को आरोप लगाया कि यूक्रेन (Ukraine) की ओर से दागे गए एक गोली से उसकी एक सीमा चौकी पूरी तरह नष्ट हो गई. हालांकि उसके किसी जवान की जान नहीं गई.
रूस (Russia) की खुफिया सिक्योरिटी सर्विस FSB ने कहा कि यूक्रेनी की ओर से दागा गया एक गोला रूस के रोस्तोव क्षेत्र में गिरा. इससे बॉर्डर पर बनी रूस की एक सीमा रक्षक चौकी पूरी तरह नष्ट हो गई. रूस ने यह भी कहा कि यूक्रेन के हथियारबंद दस्ते ने उसकी सीमा में घुसने की कोशिश की, जिसके जवाब में हुई फायरिंग में 5 घुसपैठिए मारे गए. उधर रूस-यूक्रेन के बीच हालात बिगड़ते देख अमेरिका ने यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों को तुरंत वहां से निकलने की एडवाइजरी जारी की है.
वहीं यूक्रेन (Ukraine) ने रूसी चौकी पर गोलाबारी की किसी घटना की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है. उसने रूस के दावे को फर्जी बताते हुए ऐसे किसी भी हमले से इनकार किया. दोनों देशों के बीच यह बड़ी घटना तब सामने आई है, जब अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी देश आरोप लगा रहे हैं कि रूस किसी झूठे आरोप की आड़ में यूक्रेन पर हमला कर सकता है.
रूस (Russia) की सिक्योरिटी सर्विस ने एक बयान में कहा, सोमवार सुबह 9:50 बजे यूक्रेन की ओर से दागा गया एक गोला रोस्तोव रीजन में बॉर्डर से करीब 150 मीटर दूर बनी रूसी सीमा चौकी पर गिरा. इस हमले में बॉर्डर गार्ड चौकी पूरी तरह नष्ट हो गई. हालांकि घटना में किसी जवान की जान नहीं गई. रूसी सेना के सैपर्स वहां काम कर रहे हैं.
रूस (Russia) की RIA न्यूज एजेंसी ने FSB की ओर से जारी किए गए एक वीडियो फुटेज को भी शेयर किया. फुटेज में दिखाया गया है कि हमले में चौकी जैसा एक छोटा सा घर टूट गया था. इस फुटेज में हमला किस चीज से हुआ, यह नहीं दिखाया गया.
यूक्रेन (Ukraine) ने कहा कि उसने रूसी (Russia) क्षेत्र पर कोई गोलाबारी नहीं की है. उसने आरोप लगाया कि चौकी नष्ट होने की आड़ में हमले का बहाना ढूंढा जा रहा है. यूक्रेन ने कहा कि अलगाववादियों के कब्जे वाले पूर्वी यूक्रेन में भाड़े के सैनिक आ पहुंचे हैं. वे वहां पर रूसी स्पेशल फोर्स के साथ मिलकर यूक्रेन पर हमला करने की प्लानिंग कर रहे हैं.
पूर्वी यूक्रेन के लुहान्सक और दोनेत्सक इलाकों में रूसी भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं. वे यूक्रेन (Ukraine) के बजाय खुद को रूस के ज्यादा करीब मानते हैं. वर्ष 2014 में रूस समर्थित विद्रोहियों ने पूर्वी यूक्रेन के इन दोनों हिस्सों पर कब्ज़ा कर लिया था. उसी साल रूस ने हमला कर यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्ज़ा कर लिया था. कीव का कहना है कि तब से अब तक पूर्व में संघर्ष में करीब 15,000 लोग मारे जा चुके हैं.
लुहान्सक और दोनेत्सक इलाकों में अलगाववादियों ने कब्जा कर यूक्रेनी सेना को बाहर कर दिया था. अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप के बाद दोनों के बीच संघर्ष विराम की लाइन खींची गई थी. यूक्रेन का आरोप है कि इन दोनों इलाकों में अलगाववादियों ने उसके सैनिकों पर हमले तेज कर दिए हैं. वहीं इस मुद्दे पर बड़े युद्ध का टालने के लिए वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक प्रयास भी तेज होते जा रहे हैं.
2014 में रूस (Russia) समर्थित विद्रोहियों ने पूर्वी यूक्रेन के एक हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया था, उसी साल रूस ने यूक्रेन (Ukraine) से क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया था. कीव का कहना है कि तब से अब तक पूर्व में संघर्ष में करीब 15,000 लोग मारे जा चुके हैं.
पश्चिमी देशों ने आशंका जताई है कि यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस (Russia) के करीब 1.6 लाख तैयार बैठे हैं. रूस के सैनिकों ने पिछले एक महीने से तीन दिशाओं से यूक्रेन को घेरा हुआ है. साथ ही पश्चिमी देशों के किसी भी हस्तक्षेप से निपटने के लिए परमाणु मिसाइलें भी तैनात कर दी हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आरोप लगाया कि 1945 के बाद से रूस यूरोप में सबसे बड़े युद्ध की योजना बना रहा है. पश्चिमी देशों ने कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन (Russia Ukraine Conflict) पर हमला किया तो उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
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इन सब परिस्थितियों के बीच रूस (Russia) ने यूक्रेन पर हमला करने की योजना से बार-बार इनकार किया है. उसने कहा कि अमेरिका और पश्चिमी देश आक्रामक बयानबाजी कर हालात को और जटिल बना रहे हैं. रूस ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से मांग की कि उसे व्यापक सुरक्षा गारंटी प्रदान की जाए. इनमें यूक्रेन को नाटो का हिस्सा न बनाया जाना और पूर्वी यूरोप के देशों से नाटो के हथियार हटाया जाना शामिल हैं. अमेरिका ने इन मांगों पर कोई गारंटी देने से इनकार कर दिया है.
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