Russia Ukraine War: क्या अमेरिका के चक्रव्यूह में फंस गया है रूस!, यूक्रेन चुन-चुनकर कर रहा हमले
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Russia Ukraine War: क्या अमेरिका के चक्रव्यूह में फंस गया है रूस!, यूक्रेन चुन-चुनकर कर रहा हमले

Ukraine War Updates: पिछले करीब 2 साल से चल रही जंग में यूक्रेन अचानक रूस पर भारी पड़ने लगा है. अमेरिका ने चक्रव्यूह रचते हुए यूक्रेन को ऐसा हथियार दिया है, जिसका पुतिन को कोई तोड़ नजर नहीं आ रहा है. 

 

Russia Ukraine War: क्या अमेरिका के चक्रव्यूह में फंस गया है रूस!, यूक्रेन चुन-चुनकर कर रहा हमले

Russia Ukraine War Updates: रूस  और यूक्रेन में जब जंग शुरू हुई थी तो लगता यही था कि महज कुछ ही महीनों में यूक्रेन रूस के आगे घुटने टेक देगा. लेकिन पुतिन अमेरिकी चक्रव्यूह में ऐसे फंसे कि इस जंग को 2 साल से ज्यादा हो गए है. एक बार फिर अमेरिका ने इस जंग में अपने चक्रव्यूह का दायरा बढ़ा दिया है. यूक्रेन-रूस के बीच जंग की जमीन भी खाक हो चुकी है. बम धमाकों और धुएं का गुबार तबाही और बर्बादी की दास्तान बयान कर रही है. लेकिन ये जंग है कि बंद होती नहीं दिखती. 

पुतिन ने जंग तो छेड़ दी लेकिन ये समझ ही नहीं पाए कि इस जंग को खत्म करना इतना आसान नहीं होगा. पुतिन की सेना यूक्रेन पर जितनी ताकत के साथ हमले बोलती है. जेलेंस्की की सेना उससे कहीं ज्यादा ताकत से रूसी सेना पर पलटवार करती है. आखिर कैसे बढ़ रही है यूक्रेन की सेना की ताकत? आखिर कैसे यूक्रेन की सेना लगातार रूसी सेना पर हावी है?

क्या 'अमेरिकी चक्रव्यूह' में फंस गए पुतिन?

पुतिन की सेना को चक्रव्यूह में फंसाने वाला ये अमेरिका का अगला हथियार है. जो रूस और यूक्रेन के बीच गरज रहा है. वो हथियार जिसकी ताकत से जंग का ये मैदान त्राहिमाम कर रहा है. वो हथियार जिसकी ताकत का कोई हिसाब नहीं है. वो हथियार जो रूसी सैनिकों की ताकत से धराशाई हो गया. आरोप तो यही लग रहे हैं कि एक बार फिर अमेरिका ने यूक्रेन को HIMRAS की ताकत से नवाजा है. जिसकी ताकत से यूक्रेनी की कमजोर सेना की ताकत भी कई गुना बढ़ चुकी है. इस हथियार के बूते यूक्रेन की सेना रूसी सैनिकों पर बुरी से हावी है. HIMARS अपने ऑपरेशनल रेडियस में करीब 100 मील की फायरिंग रेंज के साथ एक साथ छह रॉकेट लॉन्च कर सकता है.

HIMRAS की ताकत जानिए

वजन 13,517 किलोग्राम (खाली यूनिट)

वजन 16,238 किलोग्राम (भरी यूनिट)

मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम

गाइलेड मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम

15 से 500 कि.मी. तक लॉन्चिंग क्षमता

100 मील की फायरिंग पावर

कब हुआ था हिमार्स का निर्माण

1980 के दशक में अमेरिका ने ऐसे ही मिसाइल लॉचर की जरूरत महसूस की थी तो 16 साल बाद यानी 1996 में ये रॉकेट लॉचर बनकर तैयार हुआ. हालांकि रॉकेट लांचर सिस्टम को आधिकारिक तौर काफी समय बाद शामिल किया गया. आज अमेरिकी की वही ताकत रूसी सैनिकों पर बरस रही है. इससे पहले अमेरिका पर आरोप लगा था कि उसने यूक्रेनी सेना को ATACMS मिसाइल  दिया है. जिससे जरिए यूक्रेन ने क्रीमिया में कहर बरपा  दिया. रात के अंधेर का वह वीडियो बेहद खौफनाक रहा. जब एक साथ कई मिसाइलों ने उड़ान भरी और इसी के साथ तेज आवाज के साथ पूरा इलाका थर्रा गया. गूंज इतनी भयावह थी कि जैसे यूक्रेनी सेना के हमले में शहर-दर-शहर नेस्तनाबूत हो गया हो. 

क्रीमिया को छुड़ाने के लिए हमला

रूसी कब्जे से क्रीमिया को छुड़ाने के लिए यूक्रेन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और घंटों लंबी दूरी की मिसाइलों का मुंह क्रीमिया में रूसी सैनिकों पर मोड़ दिया. घंटों तक यूक्रेन के इस हमले में क्रीमिया शहर तबाह और बर्बाद हो गया. इस हमले के बाद रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगाया कि क्रीमिया पर ये हमला अमेरिका के दिए गए  मिसाइल ATACMS से हुआ है. रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका, यूक्रेन के युद्ध में  प्रभावी रूप से एक पक्ष बन गया है और निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई की जाएगी.

इधर, विदेशी मीडिया से आई रिपोर्टस के मुताबिक अमेरिकी हथियारों के बूते यूक्रेन रूस पर चौतरफा हमले बोल रहा है.जो  धीरे-धीरे रूस के लिए बड़ी मुसीबत बनती जा रही है क्योंकि ये अमेरिका का चक्रव्यूह है. जिसे भेदना पुतिन के लिए किसी लोहे के चने चबाने जैसा ही है. अंत कहां और कब होगा, ये कहना मुश्किल है. 

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