2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहने की जुगत में पुतिन, जानिए कैसे संभव होगा
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2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहने की जुगत में पुतिन, जानिए कैसे संभव होगा

 विपक्ष का कहना है कि सुधारों को पुतिन को 2036 तक सत्ता में बनाए रखने और संवैधानिक तख्तापलट करने के लिए तैयार किया गया है. 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)

मॉस्को: रूसी समाचार एजेंसियों के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर मतदाता संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दें तो वह राष्ट्रपति के रूप में एक और कार्यकाल बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. रूस संविधान में प्रस्तावित संशोधन पर 25 जून से 1 जुलाई तक राष्ट्रव्यापी वोटिंग की जाएगी, इस संशोधन के मुताबिक, अगर संशोधन पारित होता है तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दो और कार्यकाल के लिए पद पर रहने की मंजूरी मिल जाएगी, और वह 2036 तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे. बता दें कि पुतिन का उनका मौजूदा कार्यकाल 2024 तक है.

  1. राष्ट्रपति के रूप में एक और कार्यकाल बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं पुतिन
  2. संविधान संशोधन पर 25 जून से 1 जुलाई तक राष्ट्रव्यापी वोटिंग की जाएगी
  3. संशोधन पारित हुआ तो पुतिन को दो और कार्यकाल के लिए पद पर रहने की मंजूरी मिल जाएगी
  4.  

वहीं, विपक्ष का कहना है कि सुधारों को पुतिन को 2036 तक सत्ता में बनाए रखने और संवैधानिक तख्तापलट करने के लिए तैयार किया गया है. क्रेमलिन का कहना है कि उन्हें संसद की भूमिका को मजबूत करने और सामाजिक नीति  व सार्वजनिक प्रशासन में सुधार करने की जरूरत है.

एक टीवी चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में पुतिन ये कहते हुए सुना गया कि- 'मैं इस बात से इनकार नहीं करता कि अगर संविधान में बदलाव होता है तो मैं पद पर बना रहूंगा. हम देखेंगे. मैंने अभी तक अपने लिए कुछ भी तय नहीं किया है.'

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संसद और संवैधानिक न्यायालय ने पहले से ही उन संशोधनों को मंजूरी दे दी है, जिन पर वोटिंग होनी है. इन बदलावों के तहत पुतिन के अब तक के कार्यकाल को शून्य घोषित कर दिया जाएगा. बता दें कि पहले यह मतदान पहले 22 मई को होना था. लेकिन, राष्ट्रपति पुतिन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया था. 

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