India on Sheikh Hasina: शेख हसीना को लेकर सरकार ने ले लिया फैसला, सब कुछ हो गया तय!
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India on Sheikh Hasina: शेख हसीना को लेकर सरकार ने ले लिया फैसला, सब कुछ हो गया तय!

S Jaishankar on Sheikh Hasina: क्‍या शेख हसीना को भारत में शरण दी जा सकती है? इन सब सवालों के बीच आज सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई. उसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सरकार की स्थिति को स्‍पष्‍ट किया.  

India on Sheikh Hasina: शेख हसीना को लेकर सरकार ने ले लिया फैसला, सब कुछ हो गया तय!

Bangladesh Coup: शेख हसीना के बांग्‍लादेश से भारत आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि अब आगे उनका भविष्‍य क्‍या होगा? पहले ये कहा जा रहा था कि वो भारत के रास्‍ते लंदन जाएंगी और वहां पर शरण लेने का प्रयास करेंगी. लेकिन उनकी यात्रा संबंधी योजना कुछ ‘‘अनिश्चितताओं’’ के कारण अटक गई है और अगले कुछ दिनों तक उनके भारत से बाहर जाने की संभावना नहीं है. सूत्रों ने बताया कि हसीना भारत से लंदन जाने वाली थीं, लेकिन अब वह अन्य विकल्पों पर विचार कर रही हैं, क्योंकि ब्रिटेन सरकार ने संकेत दिया है कि उन्हें किसी भी संभावित जांच के खिलाफ ब्रिटेन में कानूनी सुरक्षा नहीं मिल सकती है.

सूत्रों ने बताया कि अवामी लीग की नेता हसीना ने भारत के रास्ते लंदन जाने की योजना बनाई थी और उनके सहयोगियों ने हिंडन पहुंचने से पहले भारतीय अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया था. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने सोमवार को लंदन में एक बयान में कहा कि बांग्लादेश ने पिछले कुछ हफ्तों में अभूतपूर्व स्तर की हिंसा और जान-माल की दुखद हानि देखी है और देश के लोग ‘‘घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं.’’

अब दूसरा सवाल उठता है कि क्‍या ऐसी सूरतेहाल में भारत उनको शरण दे सकता है? ऐसा इसलिए क्‍योंकि शेख हसीना के परिवार और उनकी पार्टी अवामी लीग से भारत का नाता रहा है. 1971 में बांग्‍लादेश की आजादी की लड़ाई के नायक शेख मुजीबर रहमान का भारत से करीबी नाता रहा. सन 75 में जब वहां सेना ने उनकी हत्‍या कर दी तो शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना जर्मनी में थीं. उस वक्‍त उनकी मदद करते हुए उनको वहां से भारत लाया गया और अगले कई साल उन्‍होंने यहां बिताए. अब दोनों बहनें एक साथ फिर अपने देश को छोड़कर भारत में हैं. इस पृष्‍ठभूमि को देखते हुए कई आवाजें ये उठ रही हैं कि उनको यहां शरण दी जानी चाहिए. गौरतलब है कि भारत ने आज तक केवल राजनीतिक निर्वासन में दलाई लामा को ही शरण दी है.  

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शेख हसीना की मदद करेगा भारत
अतीत और मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार को इस बारे में अब किसी ठोस नतीजे पर पहुंचना होगा. सरकार ने आज सुबह 10 बजे इस बारे में एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई. उसके बाद से ही ये खबर निकलकर आ रही है कि भारत, शेख हसीना की मदद करेगा और वह बांग्‍लादेशी सेना के संपर्क में है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक में नेताओं को सूचित किया कि भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मदद का भरोसा दिलाते हुए उन्हें भविष्य की रणनीति तय करने के लिए समय दिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में जयशंकर ने कहा कि हसीना को भारत आए चौबीस घंटे भी नहीं बीते हैं और वह सदमे में हैं. सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर ने कहा कि सरकार हसीना को सदमे से उबरने के लिए समय दे रही है और इसके बाद वह उनकी भविष्य की योजनाओं सहित अन्य मुद्दों पर उनसे बात करेगी. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत विभिन्न विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार को पूर्ण सहयोग देने की बात कही. 

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जयशंकर ने कहा कि भारत पड़ोसी देश में मौजूद 10 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेशी सेना के संपर्क में है.

सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं के सवालों के जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने बांग्लादेश में अराजकता में विदेशी सरकारों की भूमिका से इनकार नहीं किया, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि हालात बहुत संवेदनशील हैं और सरकार पड़ोसी देश के घटनाक्रम पर लगातार नजर रख रही है. बैठक में जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यकों के घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया.

बैठक के बाद विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “आज संसद में एक सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान जताए गए सर्वसम्मत समर्थन और तालमेल के लिए सभी दलों की सराहना करता हूं.”

गौरतलब है कि बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है. हसीना सोमवार रात बांग्लादेशी वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य विमान से भारत पहुंची थीं. 

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