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वॉशिंगटन: पेंटागन के वैज्ञानिकों (Scientists) ने एक ऐसी माइक्रोचिप (Microchip) बनाई है, जो कोरोना (Coronavirus) के लक्षण दिखाई देने से पहले ही उसका पता लगा लेगी. कहने का मतलब है कि ये चिप संबंधित व्यक्ति को पहले ही अलर्ट कर देगी कि वो कोरोना संक्रमित हो सकता है. इस चिप को त्वचा के अंदर फिट किया जाएगा, जिसके बाद यह वायरस का पता लगाने और कोरोना संक्रमण को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी. वैज्ञानिकों का दावा है कि इस माइक्रोचिप की बदौलत कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है.
कोरोना के सबसे आम लक्षण हैं खांसी, बुखार और स्वाद एवं गंध का गायब हो जाना, लेकिन इसके अलावा सिरदर्द और थकान जैसे लक्षण भी कोरोना हो सकते हैं. कई लोगों में तो बिना कोई लक्षण नजर आए भी कोरोना हो जाता है. ‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) का दावा है कि ये डिवाइस लोगों को अनजाने में वायरस फैलाने से रोक सकती है. अमेरिकी सेना के संक्रामक रोग चिकित्सक मैट हेपबर्न (Matt Hepburn) ने कहा कि यह डिवाइस टिश्यू-जैसी जैल (Tissue-like Gel) है, जो शरीर में फिट किए जाने के बाद आपके ब्लड को लगातार टेस्ट करती रहेगी.
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मैट हेपबर्न ने बताया कि चिप संबंधित व्यक्ति को अलर्ट करेगी कि उसके शरीर के अंदर रासायनिक प्रतिक्रियाएं चल रही हैं और कल तक उसमें COVID के लक्षण नजर आने लगेंगे. ऐसे में व्यक्ति को कोरोना से बचने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि यह दुनिया में अपनी तरह की पहली डिवाइस होगी, जो कोरोना होने से पहले ही उसका पता लगा लेगी. मौजूदा वक्त में लॉकडाउन (Lockdown) या नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) जैसे उपायों से कोरोना वायरस को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ये माइक्रोचिप सबसे ज्यादा कारगर साबित होगी.
हेपबर्न ने एक और डिवाइस के बारे में भी बताया, जो डायलिसिस मशीन में लगाए जाने के बाद वायरस को रक्त से निकालने में सक्षम होगी. इस डिवाइस का इस्तेमाल हाल ही में एक मरीज पर किया गया था, जिसे सेप्टिक शॉक और ऑर्गन फेलियर के चलते आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने आपातकालीन उपयोग के लिए इस डिवाइस को अधिकृत किया है और अब तक इसका उपयोग 300 रोगियों के इलाज के लिए जा चुका है. हालांकि, माइक्रोचिप के बारे में FDA ने अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है. लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही इसके इस्तेमाल को भी मंजूरी मिल सकती है.