Red Sea Attack News: यमन के हूती विद्रोही लाल सागर में कार्गो जहाजों को निशाना बना रहे हैं. इसे लेकर सी इंटेलिजेंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अभी जो हालात बन रहे हैं वो कोरोना महामारी से भी भयावह है, हूती विद्रोहियों की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर पड़ रहा है.
Trending Photos
Red Sea Impact on Global Supply Chain: लाल सागर में यमन के हूती विद्रोही कार्गो जहाजों को निशाना बना रहे हैं. खासतौर से वो जहाज निशाने पर हैं जिनके बारे में उन्हें इजरायल से नाता होने का शक है. एक तरफ इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को जड़ से खत्म करने की कसम खा रखी है तो दूसरी तरफ हूती विद्रोहियों ने भी ऐलान कर रखा है कि हमास के खिलाफ जब तक जंग बंद नहीं होगी वे लाल सागर में जहाजों पर निशाना साधते रहेंगे. पिछले साल सात अक्टूबर से लेकर आज की तारीख में वो दर्जनों ड्रोन और मिसाइल के जरिए जहाजों पर निशाना साध चुके हैं. इन सबके बीच अब खतरा ग्लोबल सप्लाई चेन पर है. इसे लेकर मैरिटाइम एडवायजरी फर्म की चिंता भी गंभीर है, सी इंटेलिजेंस के मुताबिक खतरा कोविड महामारी से भी बड़ा है.
कार्गो शिप को निशाना बना रहे हैं हूती
सी इंटेलिजेंस के मुताबिक लाल सागर में हो रहे हमले का असर कार्गो शिप की आवाजाही पर है. हूती विद्रोहियों की वजह से जहाज अब दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप रूट के जरिए अपने मंजिर पर पहुंच रहे हैं. उसका असर यह है कि अलग अलग देशों को भेजे जा रहे सामनों की सप्लाई में देरी हो रही है, बता दें कि स्वेज कनाल वाला रास्ता छोटा है. कोविड की वजह से मार्च 2021 में स्वेज कैनाल के रास्ते कार्गो शिप की आवाजाही पर असर पड़ा. अब उसके बाद यह दूसरा मौका है कि अलग अलग बंदरगाहों पर माल से भरे जहाज अपनी मंजिल तक पहुंचने के इंतजार में खड़े हैं. 2021 में हर एक दिन करीब 9 बिलियन डॉलर के ट्रेड पर पड़ा था.
कोविड महामारी से भी बड़ा खतरा
सी इंटेलिजेंस और दूसरे समुद्री संगठनों ने आकलन किया है कि दुनिया में जितनी भी फ्लीट सर्विस है उसका 10 फीसद इस समय सेवा में नहीं है. अगर अतिरिक्त कार्गो जहाजों को सामानों की आवाजाही में लगाया गया तब तो हालात सुधरेंगे. अगर ऐसा नहीं होता है कि पूरी दुनिया को परेशानी झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए. दुनिया के अलग अलग मुल्कों में सामनों की किल्लत होगी और उसका असर महंगाई पर पड़ेगा. लाल सागर में बढ़ रहे खतरों की वजह से अब बड़ी शिपिंग फर्मों ने अपने ऑपरेशन को रोक दिया है. ये फर्में अब स्वेज कैनाल के रास्ते एशिया से यूरोप या यूरोप से एशिया जाने से बच रही हैं. हाल ही में हूती के एक प्रवक्ता ने कहा था कि अगर किसी भी शिप का नाता अमेरिका से होगा निशाना साधने के लिए पर्याप्त वजह है. बता दें कि अमेरिकी कार्गो शिप जेनको-पिकार्डी पर हमले की जिम्मेदारी हूती विद्रोहियों ने लिया है.