इस तस्वीर के सोशल मीडिया पर आते ही नस्लभेद से जुड़ी पुरानी बुराइयों की फिर से चर्चा होने लगी. दरअसल, इस लड़की को स्पेन के श्वेत नस्लवादियों ने निशाने पर ले लिया.
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सेउटा/बार्सिलोना: यूरोप में इन दिनों एक तस्वीर की खूब चर्चा हो रही है, जिसमें एक श्वेत लड़की ने एक अश्वेत शरणार्थी को गले से लगाया हुआ है. ये लड़की रेड क्रॉस से जुड़ी है और शरणार्थियों की मदद का काम करती है. लेकिन इस तस्वीर के सोशल मीडिया पर आते ही नस्लभेद से जुड़ी पुरानी बुराइयों की फिर से चर्चा होने लगी. दरअसल, इस लड़की को स्पेन के श्वेत नस्लवादियों ने निशाने पर ले लिया.
ये तस्वीर स्पेन के ही सेउटा की है. यहां समुद्र किनारे स्पेन की 20 वर्षीय रेडक्रॉस वालंटियर लूना, सेनेगल के एक प्रवासी को सांत्वना देती नजर आईं. उसने प्रवासी को गले लगाया, गले लगाने की तस्वीर वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लूना के खिलाफ नस्लवादी टिप्पणियां शुरू हो गईं. 'द गार्जियन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेन की दक्षिणपंथी पार्टी के समर्थकों ने उन्हें निशाना बनाया क्योंकि वह एक अश्वेत शख्स था.
इस पूरे मामले को लेकर लूना ने बयान दिया. लूना ने कहा कि मैं एक मानवाधिकार संगठन रेड क्रॉस से जुड़ी हूं. वो शख्स अपना सबकुछ गवां कर मोरक्को के रास्ते सेनेगल से स्पेन पहुंचा था. वो रो रहा था. मैंने उसे ढांढस बंधाने के लिए अपना हाथ फैलाया, तो वो रोते हुए मेरे गले लग गया. इस स्वाभाविक सी प्रतिक्रिया को लेकर निशाना बनाना गलत है. लूना ने ये भी बताया कि वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ मार्च से रेड क्रॉस के साथ स्वेच्छा से काम कर रही है.
इस तस्वीर के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर GraciasLuna ट्रेंड करने लगा. कुछ लोगों ने धमकियां देते हुए टिप्पणी की तो वहीं काफी लोगों ने लूना का समर्थन भी किया. लोगों ने कहा कि लूना ने मानवता दिखाई है, हमें लूना का शुक्रिया कहना चाहिए. स्पेन के मंत्री नादिया कैल्विनो ने कहा कि लूना ने हमारे समाज के सर्वोत्तम मूल्यों का प्रतिनिधित्व किया है. स्पैन के रेड क्रॉस ने भी लूना का समर्थन किया और कहा कि ऐसे तमाम लूना हर दिन लोगों की मदद में जुटे रहते हैं. उन्हें निशाना बनाना पूरी तरह से गलत और अस्वीकार्य है.