श्रीलंका की संसद का ऐतिहासिक फैसला, नव नियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की सरकार को नकारा
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श्रीलंका की संसद का ऐतिहासिक फैसला, नव नियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की सरकार को नकारा

जयसूर्या ने राजपक्षे समर्थकों के विरोध के बीच घोषणा करते हुए कहा, ‘‘मैं स्वीकार करता हूं कि महिंदा राजपक्षे की सरकार को बहुमत नहीं है.’’ 

महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना (फाइल फोटो)

कोलंबो : श्रीलंका की संसद ने बुधवार को नव नियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की सरकार के खिलाफ मतदान किया. इससे राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को जबर्दस्त झटका लगा है.सदन के स्पीकर कारू जयसूर्या ने घोषणा की कि संसद ने प्रधानमंत्री राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जयसूर्या ने राजपक्षे समर्थकों के विरोध के बीच घोषणा करते हुए कहा, ‘‘मैं स्वीकार करता हूं कि सरकार को बहुमत नहीं है.’’ 

इससे पहले बीते मंगलवार को ही श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को उस वक्त जोरदार झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने संसद भंग करने के उनके विवादित फैसले को पलटते हुए पांच जनवरी को प्रस्तावित मध्यावधि चुनाव की तैयारियों पर विराम लगा दिया था. इससे बर्खास्त श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को जबर्दस्त मजबूती मिली.

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महिंदा राजपक्षे.(फाइल फोटो)

प्रधान न्यायाधीश नलिन पेरेरा की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यों की एक पीठ ने संसद भंग करने के सिरिसेना के नौ नवंबर के फैसले के खिलाफ दायर तकरीबन 13 और उसके पक्ष में दायर पांच याचिकाओं पर दो दिन की अदालती कार्यवाही के बाद यह व्यवस्था दी थी. राष्ट्रपति ने विवादित कदम उठाते हुए कार्यकाल पूरा होने के तकरीबन दो साल पहले ही संसद भंग कर दी थी.

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि संसद भंग करने का सिरिसेना का फैसला सात दिसंबर तक निलंबित रहेगा और अदालत अगले महीने कोई अंतिम व्यवस्था देने से पहले राष्ट्रपति के फैसले से जुड़ी तमाम याचिकाओं पर विचार करेगी.

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राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना.(फाइल फोटो)

शीर्ष अदालत के फैसले का मतलब रहा कि संसद बुलाई जा सकती है और यह पता लगाने के लिए शक्ति परीक्षण कराया जा सकता है कि 225 सदस्यीय संसद में राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रधानमंत्री महिन्दा राजपक्षे के पास बहुमत है या नहीं. न्यायालय के फैसले के बाद संसद अध्यक्ष कारू जयसूर्या ने बुधवार को संसद का सत्र बुलाया था.

 

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