Taliban ने अफगानिस्तान में सरकार बनाने की कवायद शुरू की, Mullah Shirin को बनाया काबुल का गवर्नर
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Taliban ने अफगानिस्तान में सरकार बनाने की कवायद शुरू की, Mullah Shirin को बनाया काबुल का गवर्नर

अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) ने वहां पर सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक तालिबान ने काबुल में गवर्नर की नियुक्ति कर दी है. 

काबुल की सड़कों पर गश्त करते तालिबानी आतंकी (साभार रॉयटर्स)

नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) ने वहां पर पहली सरकारी नियुक्ति कर दी है. सूत्रों के मुताबिक तालिबान ने मुल्ला शिरीन (Mullah Shirin) को काबुल का गवर्नर बनाया है. अब मुल्ला शिरीन काबुल का पूरा प्रशासन संभालेगा.

  1. 15 अगस्त को किया था देश पर कब्जा
  2. तालिबान लड़ाके कर रहे हैं गश्त
  3. अमेरिकी कब्जे में काबुल एयरपोर्ट
  4.  

15 अगस्त को किया था देश पर कब्जा

बताते चलें कि तालिबान ने 15 अगस्त को राजधानी काबुल समेत अफगानिस्तान (Afghanistan) के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा जमा लिया था. तालिबान (Taliban) के कब्जे के साथ ही अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात चले गए थे. उनके साथ अफगानिस्तान के कई राजनेता, अधिकारी और सैन्य कमांडर भी शामिल थे.

तालिबान लड़ाके कर रहे हैं गश्त

उसके बाद से राजधानी काबुल समेत अफगानिस्तान (Afghanistan) के तमाम इलाकों में तालिबान (Taliban) के लड़ाके गश्त कर रहे हैं. सरकारी अधिकारी और कर्मचारी दफ्तरों से गायब हैं. वहीं पुलिस और सैनिक या तो सरेंडर कर चुके हैं या फिर शहरों को छोड़कर दूसरी जगहों की ओर भाग चुके हैं. अफगानिस्तान में बैंकों के बाहर लोगों की भीड़ लगी है और जरूरी चीजें महंगी होने लगी हैं.

अमेरिकी कब्जे में काबुल एयरपोर्ट

अफगानिस्तान (Afghanistan) में फिलहाल काबुल एयरपोर्ट ही चालू हालत में है. वहां पर अमेरिका के 5800 सैनिक सुरक्षा कर रहे हैं और फ्लाइट ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं. तालिबान (Taliban) के डिप्टी कमांडर अनस हक्कानी ने अपने कैडर से कहा है कि अमेरिका ने 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से पूरी तरह निकलने का वादा कर रखा है. इसलिए इस महीने के अंत तक कुछ नहीं करना है. 

सूत्रों के मुताबिक राजधानी काबुल और उसके आसपास रहने वाले करीब 2 लाख लोग देश से निकल जाना चाहते हैं. करीब 20 हजार लोग पिछले एक हफ्ते से काबुल एयरपोर्ट के बाहर जमे हुए हैं और किसी भी तरह हवाई अड्डे में घुस जाना चाहते हैं. इनमें से काफी सारे लोगों के पास वीजा और पासपोर्ट तक नहीं है. इसके बावजूद वे किसी भी हाल में तालिबान के जुल्मों-सितम से दूर निकल जाना चाहते हैं.

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