Taliban ने दी खबर लिखने की सजा, पत्रकारों को इतना मारा कि पूरे शरीर पर निशान बन गए
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Taliban ने दी खबर लिखने की सजा, पत्रकारों को इतना मारा कि पूरे शरीर पर निशान बन गए

तालिबानी राज में पत्रकारों के लिए अपना काम करना मुश्किल हो गया है. तालिबान के लड़ाकों ने स्थानीय न्यूज वेबसाइट के पांच पत्रकारों को गिरफ्तार किया और उनकी बेरहमी से पिटाई की. रिहा हुए दो पत्रकारों ने बताया कि उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा गया. उनके पूरे शरीर पर जख्मों के निशान हैं.

फोटो: ट्विटर

काबुल: मीडिया (Media) की आजादी की बात करने वाले तालिबान (Taliban) का क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आया है. तालिबान ने बुधवार को न्यूज वेबसाइट एटिलाट्रोज के पांच पत्रकारों (Journalists) को गिरफ्तार कर लिया. इन पत्रकारों के साथ अपराधियों जैसा सलूक किया गया. बाद में रिहा किए गए दो पत्रकारों ने तालिबान के जुल्म की जो दास्तां सुनाई, वो अफगान मीडिया के लिए स्पष्ट चेतावनी है कि तालिबान के खिलाफ बोलने पर यही हाल किया जाएगा.

  1. स्थानीय न्यूज साइट से जुड़े हैं पत्रकार
  2. बुधवार को उठा ले गए तालिबानी आतंकी
  3. बुरी तरह मारने के बाद दो को छोड़ा

खड़े होना भी हुआ मुश्किल  

एटिलाट्रोज के एडिटर इन चीफ जकी दरियाबी (Zaki Daryabi) ने ट्विटर पर तालिबानी जुल्म की जानकरी दी है. उन्होंने बताया कि तालिबान ने उनके पत्रकारों को गिरफ्तार किया और उनके साथ मारपीट की. एक पत्रकार को लड़ाकों ने इतनी बुरी तरह मारा कि उसकी पीठ पूरी तरह लाल हो गई है. जबकि दूसरे का अपने पैरों पर खड़े होने भी मुश्किल बना दिया है. यहां गैर करने वाली बात ये है कि नई सरकार के गठन से पहले तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से वादा किया था कि वह पत्रकारों के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करेगा.

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Reporting से नाराज था Taliban

अफगानिस्तान में एटिलाट्रोज को अपनी खोजी रिपोर्टिंग के लिए पहचाना जाता है. तालिबान पिछले कई महीनों से उसकी खबरों को लेकर भड़का हुआ था. अब जब अफगानिस्तान की सत्ता उसके पास है, तो वो उसके पत्रकारों से बदला ले रहा है. रिहा किए गए पत्रकारों को तालिबान ने इतनी बुरी तरह से पीटा है कि उनके शरीर पर जख्म के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. पीड़ित पत्रकारों ने बताया कि तालिबान लड़ाके गिरफ्तार करने के बाद उन्हें अलग-अलग कमरे में ले गए और बुरी तरह से पिटाई की.

US पर मंडरा रहा खतरा

तालिबान ने मंगलवार को अफगानिस्तान की नई सरकार का ऐलान किया है. इस सरकार में कई कट्टरपंथियों को भी शामिल किया गया है. इसमें कुछ तो ऐसे हैं, जिन्होंने अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के खिलाफ 20 साल की लड़ाई में भाग लिया. तालिबान ने मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है कि जबकि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और मोलवी अब्दुल सलाम हनफी को डिप्टी पीएम नियुक्त किया गया है. अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि तालिबान की नई सरकार यूएस के खिलाफ साजिश रच सकती है.

 

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