France News: एक फ्रेंच महिला ने अपनी मां के साथ हुए रेप के 80 साल बाद चुप्पी तोड़ी है. हालांकि यह इकलौता मामला नहीं है शोधकर्ता उस दौरान हजारों बलात्कारों होने का दावा करते हैं.
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French Women On Rapes By US Soldiers: एमी डुप्रे (Aimee Dupre) जून 1944 में उनकी मां के साथ किए रेप को लेकर हमेशा चुप रहीं. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नॉर्मंडी लैंडिंग के बाद दो अमेरिकी सैनिकों ने यह क्रूर अपराध किया था लेकिन अब 80 साल बाद आखिरकार उन्होंने बोलने का फैसला किया.
एएफपी के मुताबिक डी-डे के बाद के हफ्तों में लगभग दस लाख अमेरिकी, ब्रिटिश, कनाडाई और फ्रांसीसी सैनिक एक ऑपरेशन में नॉर्मंडी तट पर उतरे थे. यह यूरोप पर नाजी जर्मनी की पकड़ के अंत की शुरुआत थी.
ऐमी उस वक्त 19 वर्ष की थी और फ्रांस के ब्रिटनी (Brittany) के एक गांव मोंटौर्स में रहती थी. वह 'मुक्तिदाताओं' को आते देखकर बहुत खुश हुई, जैसा कि उसके आस-पास के सभी लोग हुए. लेकिन फिर उसकी खुशी काफूर हो गई.
10 अगस्त की शाम को, दो अमेरिकी सैनिक – (जिन्हें अक्सर जीआई कहा जाता है) - परिवार के फार्म पर पहुंचे.
अब 99 वर्ष की हो चुकीं एमी ने कहा, ‘वे नशे में थे और वे एक महिला चाहते थे.' उन्होंने एएफपी को एक लेटर दिया जो उनकी मां (जिन्हें भी एमी कहा जाता था) ने लिखा था.
एमी की मां पत्र में लिखी आपबीती
एमी हेलाउडैस होनोर ने अपनी साफ़-सुथरी लिखावट में उस रात की घटनाओं का वर्णन किया कि कैसे सैनिकों ने उसके पति की ओर अपनी बंदूकें चलाईं, जिससे उसकी टोपी में छेद हो गए, और कैसे वे उसकी बेटी एमी के पास खतरनाक तरीके से पहुंचे.
होनोर ने लिखा, 'अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए, वह जीआई के साथ घर छोड़ने पर सहमत हो गईं. वे मुझे एक खेत में ले गए और बारी-बारी से मेरे साथ चार-चार बार बलात्कार किया.'
'मां ने मेरी रक्षा के लिए खुद का बलिदान दे दिया'
रिपोर्ट के मुताबिक पत्र पढ़ते समय एमी की आवाज टूट गई. उन्होंने कहा, 'है मां, तुम्हें कितना कष्ट हुआ, और मुझे भी, मैं हर दिन इस बारे में सोचती हूं.’
एमी ने कहा, 'मेरी मां ने मेरी रक्षा के लिए खुद का बलिदान दे दिया. जब उन्होंने रात में उनके साथ बलात्कार किया, हम इंतजार करते रहे, न जाने क्या वह जीवित वापस आएगी या वे उसे गोली मार देंगे.'
एएफपी के मुताबिक यह उस रात की घटनाएं अकेली नहीं थीं. अक्टूबर 1944 में, नॉर्मंडी की लड़ाई जीतने के बाद, अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने फ्रांसीसी महिलाओं के साथ बलात्कार के आरोप में 152 सैनिकों पर मुकदमा चलाया था.
हजारों बलात्कारों की रिपोर्ट नहीं की गई
अमेरिकी इतिहासकार मैरी लुईस रॉबर्ट्स ने कहा कि वास्तव में, 1944 और 1946 में जीआई के प्रस्थान के बीच सैकड़ों या यहां तक कि हजारों बलात्कारों की रिपोर्ट नहीं की गई. रॉबर्ट्स ने उन कुछ मुट्ठी भर शोध करने वाले लोगों में शामिल हैं जो दूसरे विश्व युद्ध के 'वर्जित' विषय पर काम कर रही हैं.
रॉबर्ट्स ने कहा, 'कई महिलाओं ने चुप रहने का फैसला किया." "वहाँ शर्मिंदगी थी, जैसा कि अक्सर बलात्कार के साथ होता है.' उन्होंने कहा कि अमेरिकी जीत पर हर जगह महसूस की गई खुशी के साथ उनके अनुभव के बिल्कुल विपरीत होने के कारण बोलना विशेष रूप से कठिन हो गया.
(प्रतीकात्मक फोटो)